सूरत/अहमदाबाद, 28 अप्रैल । सूरत शहर में कोरोना के प्रकोप के बीच सिविल अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल प्रबंधन चिन्तित है। इसी बीच अस्पतालों ने नए कोरोना मरीजों की भर्ती करना बंद कर दिया है। सिविल अस्पताल में और अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।
सूरत के सिविल अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. धावित्री परमार ने बताया कि वर्तमान में तीनों सिविल अस्पतालों में लगभग एक हजार कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्हें आपातकालीन ऑक्सीजन देकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल को 56 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के मुकाबले केवल 46 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रतिदिन की जा रही है। आज सरकार ने इससे अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराने से मना कर दिया है। इसलिए अब 108 मरीजों को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह कर अस्पताल के बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा सूरत शहर के नए सिविल अस्पताल और सिसमेर अस्पताल के गेट एक बजे के बाद बंद कर दिए गए। अस्पतालों के बाहर एंबुलेंसों की लंबी कतार लग गई।
इसी बीच जानकारी मिली है कि सूरत शहर में कुछ घंटों के लिए ही ऑक्सीजन बची है। सूरत के न्यू सिविल अस्पताल और सिसमेर अस्पताल के गेट भी ऑक्सीजन की कमी के कारण बंद कर दिए गए हैं। एक भाजपा विधायक ने बताया कि सूरत शहर को जरूरत के मुकाबले बहुत कम ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। प्रशासन लाचार स्थिति में है। सूरत शहर में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान खतरे में है। भारतीय चिकित्सा परिषद ने शहर में ऑक्सीजन की कमी की आशंका भी जताई गई थी। शहर में ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए अराजकता का माहौल देखा जा रहा है।
सूरत जिला कांग्रेस कमेटी ने आज सूरत सहित दक्षिण गुजरात के सरकारी और निजी अस्पतालों में आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री रूपानी को एक ज्ञापन भेजा है।