नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में 'सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका' पर वर्चुअली संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत ने अपने विचार रखें।
इसी अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में अपने विचार रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ी घोषणा की कि अगले साल से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो सकेंगी। ज्ञात हो कि यह मांग लंबे समय से भारतीय महिलाओं के द्वारा की जा रही थी और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में निर्देश दिए थे।
SCO के अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका' पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अगले साल से महिलाएं हमारे प्रमुख त्रि-सेवा पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो सकेंगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करना पिछले साल शुरू हो गया है, जो एक प्रमुख मील का पत्थर है जिसमें महिलाओं को सेना के रैंक और फाइल में शामिल किया गया है।
इसी अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत ने अपने विचार रखते हुए कहा कि महिलाएं आज दुनिया भर में सशस्त्र बलों की सेवा कर रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन रहा है और इसने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यों को करने के लिए अच्छी ताकत में मदद की है।
सीडीएस बिपिन रावत ने आगे कहा कि आज, युद्ध में पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच अंतर धुंधला होता जा रहा है। महिलाओं ने लड़ाकू पायलटों, पैराट्रूपर्स, पनडुब्बियों जैसी लड़ाकू भूमिकाओं में अपनी योग्यता साबित की है। वे भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।