वाराणसी। 2020 में पूर्वी लद्दाख़ में चीन के साथ हुए संघर्ष में दुश्मनों को सबक सिखाने वाले जवानों में शामिल अस्सिटेंट कमाण्डेन्ट धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा को रविवार को इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस फ़ोर्स के 60वें स्थापना दिवस पर ग्रेटर नोएडा में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के द्वारा गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
मूलतः सेरा गांव, खरिहानी पोस्ट आजमगढ़ के निवासी व काशी के दामाद अस्सिटेंट कमांडेंट धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा को 2020 में पूर्वी लद्दाख़ के सीमा इलाके में पांगोंग लेक में चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में अपनी बहादुरी दिखाने और मिसाल देने वाली वीरता का प्रदर्शन करने के लिए इस सम्मानित गैलेंट्री अवार्ड से नवाज़ा गया। धर्मेंद्र कुमार ने 2020 में पूर्वी लद्दाख़ के सीमा इलाके में पांगोंग लेक में हुए चीनी सेना (पीएलए) के साथ हुए ऐतिहासिक संघर्ष में अति दुर्गम परिस्थितियों में अपनी वीरता का परिचय दिया और अपने गृह जनपद आजमगढ़, ससुराल वाराणसी समेत पूरे देश और सेना का नाम रौशन किया।
बतातें चलें कि केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों (गैलेंट्री अवॉर्ड) की घोषणा की थी। जिसमें 662 पुलिस कर्मियों को पुलिस पदक, 628 कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, 88 कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 662 कर्मियों समेत कुल 1,380 को मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किये जाने की घोषणा की गई थी। तो वहीं 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 23 ITBP कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है जिनमें से एक अस्सिटेंट कामन्डेड धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा का भी नाम समम्मिल था। ITBP के इन सभी वीरों में 20 सेना के वे जवान हैं जो मई-जून 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ हुई झड़प में शामिल थे। यह सीमा पर आमने-सामने की झड़पों और सीमा सुरक्षा कर्तव्यों में ITBP जवानों के लिए दिए गए सबसे अधिक वीरता पदक हैं।