वाराणसी। प्रकाश का पर्व दिवाली, प्रदेश समेत पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां एक ओर हर कोई अपने परिवार के साथ खुशियां बांट रहा है और बड़े ही धूमधाम से यह पर्व मना रहा है वहीं हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग मौजूद हैं, जिनके या तो परिजन नहीं है या फिर उन्हें छोड़ गए हैं।
हम बात कर रहे हैं वाराणसी के दुर्गा कुंड में वृद्ध आश्रम की जहां ऐसी तमाम वृद्ध माताएं निवास करती हैं जिनके यातो परिजन नहीं हैं या हैं भी तो इनसे दूर हैं। अपने स्वजनों के अभाव में इन वृद्ध माताओं को त्योहारों पर किसी प्रकार का मलाल ना हो इस बात का ख्याल करते हुए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता हर पर्व को इनके साथ मनाने के लिए चले आते हैं l
ऐसे ही एक बीजेपी के सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद राय पिछले 4 सालों से वाराणसी में दुर्गाकुंड स्थित राजकीय वृद्धाश्रम में वृद्ध माताओं के साथ दिवाली का त्योहार पूरे उत्साह से मनाते हैं और आश्रम के सभी लोगों को भेंट स्वरूप मिठाइयां और फल देकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं l शिवानंद राय की हमेशा युवाओं से यही अपील रहती है कि वह हमेशा अपने बड़ों के साथ रहकर उनकी सेवा करें और आशीर्वाद प्राप्त करें क्योंकि बच्चे जितने भी बड़े हो जाएं वह हमेशा मां-बाप की नजर में छोटे ही रहेंगे और जो व्यक्ति अपने बड़ों का साथ छोड़ देता है वह अपने जीवन में कभी खुश नहीं रहता इस बार उनके साथ गई हुई बनारस वोकल्स की टीम ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि खुशियां बांटने से बढ़ती है और इसी कारण हमें त्योहारों को उनके साथ भी मनाना चाहिए जिनका कोई नहीं होता l
आज अपने चारों ओर यह देखकर काफी दुख होता है कि जिस देश में पहले लोग अपने बड़े बूढ़ों को भगवान का दर्जा दिया करते थे आज ऐसे हालात हो गए हैं कि वह अपने बुजुर्ग परिजनों को बोझ समझकर किसी वृद्ध आश्रम में छोड़ कर चले जाते हैं और तीज त्योहारों पर उनको याद तक नहीं करते बड़े होकर हम यह क्यों भूल जाते हैं कि आज हम इस दुनिया में एक खुशहाल जीवन सिर्फ उनकी वजह से ही जी रहे हैं और वक्त आ गया है कि हम उनकी अहमियत को समझें और जिनकी वजह से हम एक खुशहाल जीवन बिता रहे हैं उन्हें भी पूरी सुविधाओं के साथ खुश रखे l
रिपोर्ट: आमीन अंसारी ।