वाराणसी। 29 अगस्त को कमच्छा स्थित प्राचीन श्री बटुक भैरव का अद्भुत भव्य वार्षिक हरियाली एवं जलविहार श्रृंगार किया गया। सर्वप्रथम भोर में 5:00 बजे मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए बाबा के कपाट खोल दिए गए। भक्त बाबा की अलौकिक झांकी के दर्शन कर भाव विभोर हो गए। दर्शन पूजन का सिलसिला अनवरत चल रहा है।
सुगंधित पुष्पों से किया गया भव्य श्रृंगार:-
महंत राकेश पुरी और भास्कर पुरी ने बताया कि भोर में बाबा का पंचामृत से स्नान कराकर, नए वस्त्र धारण कराए गए। उसके पश्चात सुगंधित पुष्पों से उनका मनमोहक श्रृंगार किया गया। तत्पश्चात मंगला आरती हुई ।इसी के साथ श्रद्धालुओं द्वारा बाबा बटुक भैरव के दर्शन पूजन का क्रम अनवरत शुरू हो गया ।बाबा के बाल रूप के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही। उन्होंने कहा कि सभी को कोरोना वायरस के गाइड लाइन का पालन करते हुए थर्मल स्कैनिंग, हैंड सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर प्रांगण में प्रवेश दिया जा रहा है।
कैलाश मानसरोवर की जीवन्तता का हो रहा है एहसास:-
बाबा बटुक भैरव के दरबार गर्भगृह के साथ ही मंदिर परिसर में हरियाली श्रृंगार तथा जलविहार झांकी की भव्य सजावट की गयी।मंदिर परिसर के बाहर गुफा रूपी मार्ग बनाया गया जहां पक्षी, सर्प आदि कैलाश मानसरोवर की जीवन्तता का एहसास करा रहे है । वहीं गुफा रूपी मुख्यद्वार से ही श्रद्धालुओं को अलौकिक आनंद प्राप्त हो रहा है। प्रसिद्ध मालियों द्वारा कामिनी की पत्तियों, अशोक की पत्तियों, गेंदें की माला ,गुलाब के फूल , फल आदि द्वारा मंदिर परिसर की अद्भुत अलौकिक सजावट की गयी।
रात्रि 9:00 बजे होगी महाआरती:-
महंत राकेश पुरी ने बताया कि बाबा की महाआरती 108 बत्ती वाले दीपदान एवं सवा किलो कपूर द्वारा रात्रि 9:00 बजे की जाएगी साथ ही साथ ही इस दौरान 51 भक्तों द्वारा डमरु वादन भी किया जायेगा।
रिपोर्ट: आकृति बाजपेई।