वाराणसी। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे सियासी मौसन गरम होता जा रहा है। प्रदेश में राज्य सरकार के महिला सुरक्षा के दावे पर भाजपा नेता भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ही सवाल खड़े करते हुए महिलाओं को नसीहत दी है कि अंधेरा होने के बाद वह थाने कतई न जाएं। अगर जरूरी हो तो अगले दिन थाने जाएं और उनके पति, पिता या भाई साथ रहें। उन्होंने कहा कि थानों पर एक महिला अधिकारी और एक सब इंस्पेक्टर बैठती हैं, लेकिन फिर भी शाम 5 बजे के बाद महिलाएं थाने न जाएं।
आई थीं सहभोज कार्यक्रम में शामिल होने :
बजरडीहा क्षेत्र की वाल्मीकि बस्ती में सहभोज कार्यक्रम में बेबी रानी मौर्य शामिल होने आई थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत काम किया है। इस वजह से महिलाओं की स्थिति में अब बदलाव दिखता है। प्रदेश की सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए लगातार काम कर रही है। इसी वजह से विपक्षी दलों के पास सरकार को घेरने के लिए ठोस मुद्दों का अभाव है।
"खाद का संकट नहीं, अधिकारी गुमराह कर रहें है" - बेबी रानी मौर्य
बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रदेश में खाद का संकट नहीं है। अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में आगरा का उदाहरण भी दिया। बताया कि एक किसान ने उन्हें खाद के लिए फोन किया। इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारी को फोन किया तो उन्होंने कहा कि किसान को खाद मिल जाएगी। हालांकि, उस अधिकारी ने बाद में किसान को खाद देने से मना कर दिया। इस तरह से अफसर आम आदमी को गुमराह करते हैं।
बेबी रानी मौर्य ने कहा कि अगर इस तरह की कहीं भी दिक्कत किसी किसान को हो तो वह सीधे जिलाधिकारी से शिकायत करें। इसके बाद भी बात न बने तो मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर समस्या से अवगत कराएं। समस्या का समाधान हर हाल में होगा। प्रदेश सरकार किसानों की छोटी से छोटी समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।