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शिवपुर की प्राचीन रामलीला का मुकुट पूजन कर सिर्फ परंपराओं का किया गया निर्वहन।

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Posted On:Friday, September 17, 2021

वाराणसी। शिवपुर पंचक्रोशी मार्ग चतुर्थ पड़ाव स्थित पांचों पांडव मंदिर पर विघ्नहर्ता की वैदिक मंत्रों के बीच पूजा आराधना की गई। झाल मंजीरा और मृदंग की थाप गूंजी और रामायणी दल ने गाइये गणपति जग वंदन... के साथ मानस के प्रसंगों में दोहों का गायन किया।

रामलीला का आयोजन संशय में:-
बनारस  के रामलीला प्रेमियों के लिए बेहद बुरी ख़बर है। इस साल भी शिवपुर की प्राचीन रामलीला भी न होने के स्पष्ट संकेत मिल गए हैं। कोरोना का तीसरी कहर विश्वप्रसिद्ध रामलीला पर भी टूट गया है। शिवपुर की प्राचीन रामलीला के में मंचन के अतिरिक्त करीब1डेढ़ माह पूर्व से तैयारी होने लगती है। लेकिन पूजा में भाग लेने वाले व्यास और अन्य कर्मचारियों को किला की ओर से कोई भी मौखिक या लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है और ना ही मुख्य स्वरूपों का ही चयन हुआ।

मुख्य स्वरूपों का भी नहीं हुआ चयन:-         
शिवपुर की प्रतिष्ठित होने वाला रामलीला की परंपराओं के अनुसार पहले रामलीला के मुख्य स्वरूपों श्री राम,सीता, भरत, लक्ष्मण और शत्रुध्न की भूमिका निभाने के लिए स्वर परीक्षा के आधार पर बालको का चयन शिवपुर रामलीला के मंत्री श्रवण कुमार सिंह द्वारा किया जाता था। इसके बाद  दिन तय मुहूर्त पर मुकुट पूजन के दो दिन बाद स्वरूपों रामलीला शुरू हो जाता था। आज ही पूजन का मुहूर्त भी था। इससे स्पष्ट है कि इस साल रामलीला का आयोजन नही होगा। 

34 दिन तक रामायण चौपाई का होगा आयोजन:-
शिवपुर की प्राचीन रामलीला शास्त्र परंपराओं और मुहूर्त के अनुसार आयोजित की जाती है। हर कार्य मुहूर्त के अनुसार ही होता है। स्वरूपों के चयन के बाद मुकुट पूजन रामलीला की पहली और अनिवार्य विधान है जो अब होना संभव नही है। ऐसे में स्पष्ट है कि दुसरी साल रामलीला का आयोजन संभव नही है। शिवपुर रामलीला कमेटी संम्बन्धित सूत्रों के अनुसार  34 दिन रामायण चौपाई होगा।

रिवाज़ पर भारी महामारी:-
यह दूसरी बार होगा जब रामलीला के लगभग सवा सौ साल के इतिहास में रामलीला का आयोजन नहीं होगा।  ऐसे में पूरे साल इस रामलीला का इंतज़ार करने वाले प्रेमियों की निराशा समझी जा सकती है। कोरोना के तीसरी लहर खतरनाक ढंग से बढ़ रहे संक्रमण के बीच रामलीला का आयोजन वैसे भी संभव नही है। 

मुकुट पूजन के दौरान मंत्री श्रवण कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अनिल यादव, उपाध्यक्ष आभास शाह, मदन मोहन शर्मा, मुन्नू मिश्रा, कमलेश केसरी, अशोक मोदनवाल, दीनानाथ केशरी, संतोष मिश्रा, नवीन प्रधान,भोला नाथ शर्मा, उपस्थित रहे।


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