वाराणसी। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फेम) राष्ट्र के विभिन्न व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों का एक केंद्रीय परिसंघ है जो देश में 18 प्रदेशों के 400 जिलों में अपनी मजबूत उपस्थिति रखता है। जुलाई 2017 में देश में सदी के सबसे बड़े टैक्स विभाग के रूप में जब जीएसटी को लागू किया गया था तब उत्साह से नई कर प्रणाली का स्वागत कर अपेक्षा की गई थी की नई कर प्रणाली सरल होने के साथ कर चोरी पर रोक लगेगी इनपुट टैक्स क्रेडिट व्यापारियों को मिलेगा।
हाल ही में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में रु. 1000 तक की रेडीमेड वस्त्रों एवं फुटवियर की दरों में परिवर्तन करते हुए 1 जनवरी 2022 से 5% से बढ़ाकर 12% करने का कानून बनाया गया है ,इस जीएसटी की दरों मैं परिवर्तन से खुदरा एवं थोक विक्रेताओं के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिससे व्यापार पहले से ही खराब है वह और भी कमजोर हो जाएगा। वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की मार से ज्यादा छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों व जनता को फर्क पड़ा है। देश की आबादी का बड़ा वर्ग इसी श्रेणी के परिधान व फुटवियर खरीदता है,जबकि 2 वर्ष पूर्व इस व्यवसाय में जीएसटी की विषमताओं एवं कठिनाइयों को देखते हुए इन्हीं वस्तुओं पर टैक्स की दरों में 12 व 18 से घटाकर 5% किया गया था, उपरोक्त निर्णय से कर संग्रह और बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई थी व कई कंपनियों को बाध्य होकर ₹1000 तक की एमआरपी श्रृंखला में उत्पाद पेश करने हेतु मजबूर होना पड़ा था, फलस्वरूप दी गई कर छूट से सरकार, निर्माता, व्यापारी एवं जनता लाभान्वित हुई थी। विडंबना यह है की कि जो निर्णय 2 वर्ष पूर्व व्यापारियों को और जनता जनार्दन को सुगमता प्रदान करने के लिए दिया गया था वह अचानक पूर्ववर्ती टैक्स की दरों पर पहुंचा दिया गया, जोकि देश के सारे निर्माता ,व्यापारी एवं जनता जनार्दन के लिए कष्टकारी है। जीएसटी परिषद में टैक्स पुनर्गठन की आड़ में जो 1 जनवरी 2022 से परिधानों एवं फुटवियर की दरों में वृद्धि का निर्णय किया है जो पूर्णतः अनैतिक, अव्यवहारिक एवं अविवेकपूर्ण है। विडंबना है कि इस कानून के लागू होने के बाद व्यापारियों को 1 जनवरी 2022 तक बिना बिके बचे हुए अंतिम स्टॉक पर अपने पास से जीएसटी की परिवर्तित दरों का अधिक भुगतान करना होगा ,जोकि कही से भी न्यायसंगत नही है । फेम इस तरह की बढ़ोतरी का जोरदार विरोध करता है। 22 दिसंबर 21 को ज़ूम मीटिंग पर बैठक में प्रधानमंत्री मोदी व वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को ज्ञापन के जरिये संज्ञान दिलाया एवं विश्वास व्यक्त किया कि निर्माता, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के सर्वोत्तम राष्ट्रीय हित में इसकी बढ़ी दरों को पुनः वापस लेकर व्यापारी समाज को नई ऊर्जा देने की कृपा करेंगे।
मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष जयेन्द्र खन्ना राष्ट्रीय महासचिव राधेश्याम शर्मा, राष्ट्रीय चेयरमैन सी एच कृष्णा, उत्तर प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम मिश्रा, महामंत्री भूपेंद्र सिंह सोवती, वरिष्ठ मंत्री अशोक जायसवाल, मीडिया प्रभारी सोमनाथ विश्वकर्मा, संगठन मंत्री जितेंद्र चतुर्वेदी, मंत्री गोकुल शर्मा, संयुक्त मंत्री यू आर सिंह, वाराणसी मंडल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुज डीडवानिया, मंत्री मनीष गुप्ता, संगठन मंत्री रजनीश कनौजिया, जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश अग्रवाल, महामंत्री विनोद गुप्ता, युवा अध्यक्ष गौरव सोनेजा, महामंत्री संजय सिंह, कोषाध्यक्ष आनंद अग्रवाल, अनूप सर्राफ, विशाल अग्रवाल, काशी रेडिमेड गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेश जायसवाल, महामंत्री कैलाश यादव, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार सेठ (अनु) ,दीपक वासवानी व्यापारी रहे।