वाराणसी।उत्तरप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वाराणसी की सचिव श्रीमती कुमुद लता त्रिपाठी के द्वारा आज मंगलवार को जीवन ज्योति हाई सेकेण्ड्री स्कूल, सारनाथ मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये कोविंड-18 से बचाव, शासन द्वारा जारी गाईड लाईन का नियमानुसार पालन करते दिव्यांगजनो को प्राप्त कानूनी अधिकार, शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजना की थीम पर आधारित विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती कुमुद लता त्रिपाठी द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थित लोगो को विधिक रूप से जागरूक करते हुये बताया कि भारतीय संविधान के अन्तर्गत सभी नागरिको को समता का अधिकार तथा अवसर की समानता का अधिकार प्रदान किया गया है। सभी व्यक्तियो को अवसर की समानता मिल सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु समाज के कमजोर वर्ग के लोगो के लिए (जिसमे शारीरिक रूप से निशक्त व्यक्ति भी
शामिल है) विभिन्न कानून बनाये गये है। दिव्यांगजनो को अवसर की समानता प्राप्त कराने हेतु पहले निशक्त व्यक्ति (समान अवसर अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 में पारित किया गया। जिसके तहत दिव्यांगजनो के समुचित विकास उन्नति के बाबत तथा उनके प्रति उपेक्षा के आचरण, असमानता आदि के निवारण हेतु प्रावधान निर्मित किया गया था।
जानें क्या है दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम:-
वर्ष 2016 मे दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम अधिनियमित किया गया। इस एक्ट पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुये विधिक सचिव द्वारा बताया गया कि इस अधिनियम का उद्देश्य शारीरिक रूप से निशक्त व्यक्ति के अधिकार एवं सम्मान को साहित्यिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, सामाजिक, कानूनी और आर्थिक स्तर पर बढ़ावा देना है इस अधिनियम के अन्र्तगत समता एवं अविभेद, कूरता एवं अमानवीय व्यवहार से संरक्षा दुर्पयोग, हिंसा और शोषण से संरक्षण, सुरक्षा, मतदान मे पहुच, समुचित न्याय तक पहुँच, नियोजन मे विभेद न करना, समान अवसर की नीति इत्यादि से सबंधित प्रावधान उपबन्धित किये गये है। इस अधिनियम के तहत 8 से 18 वर्ष तक के निशक्त बच्चों के निए निःशुल्क शिक्षा सम्बन्धित प्रावधान किये गये है। दिव्यांगजनो हेतु शैक्षणिक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण तथा सरकारी नौकरी में 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।
अधिनियमों का किया उल्लंघन तो होगी जेल:-
यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के प्रावधानो का उल्लंघन करता है तो 10 हजार रूपये जुर्माना या जेल या दोनो सजाओं से दण्डित किया जा सकता है। पाश्चत्वर्ती उल्लंघन की दशा मे 50 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति दिव्यांगजन के लिए अशपित लाभ का कपट पूर्ण तरीके से प्राप्त कर लेता है तो उसे 2 वर्ष तक कारावास या एक लाख रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। वहा उपस्थित लोगो की समस्याओं को भी विधिक सचिव द्वारा सुना गया एवं उनके निस्तारण का यथासंभव प्रयास किया गया।
2 अक्टूबर से 14 नवंबर तक कल्याणकारी योजनाओं की दी जाएगी जानकारी:-
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद लता त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने हेतु दिए गए निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तहसील विधिक सेवा समिति द्वारा 2 अक्टूबर से 14 नवंबर तक प्रत्येक गांव, कस्बे, विद्यालयो, अस्पतालों, बाजारों, धार्मिक स्थलों, वैक्सिनेशन केंद्रों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशन आदि अन्य ऐसे स्थान जहां जनता का जमाव होता है, वहां विधिक सेवा गतिविधियों व सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की व्यापक जानकारी दी जाएगी।