वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 43वां दीक्षांत समारोह बेटियों के स्वर्ण पदकों की आभा से दमक उठा। सोमवार को दीक्षांत समारोह में 55 मेधावियों को 64 स्वर्ण पदक वितरित किए गए। इसमें 46 छात्राएं एवं नौ छात्र शामिल थे। 73,579 छात्र-छात्राओं को उपाधियां देने की घोषणा हुई।
दोपहर तीन बजे शुरू हुए दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छात्र-छात्रों कोई गोल्ड मेडल पहनकर और उपाधि देकर सम्मानित किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि बाबा भोलेनाथ और माता अन्नपूर्णा की कृपा से इस बार भी महिलाएं ज़्यादा हैं। उन्होंने पुरुष छात्रों से भी कहा कि उनपर भी उनकी कृपा से आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 11वीं कक्षा पास की और कालेज में एडमिशन लिया तो वो 700 बच्चों में अकेली थीं लेकिन उनकों उनके पिताजी की बात याद थी कि बिना पढ़े मत आना। इसबात पर पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।
इस दौरान स्वर्ण पदक पाने वाली छात्राएं भी काफी प्रसन्न दिखीं। एमए म्यूज़िक में गोल्ड मेडल पाने वाली छात्रा जहान्वी पांडेय ने बताया कि हमारे चीफ गेस्ट आरके त्यागी और हमारी गवर्नर ने जो सम्बोधन दिया और हमें मार्गदर्शन दिया वह बहुत अच्छा लगा। वहीं एमसीए में गोल्ड मेडल पाने वाली वर्तिका गुप्ता ने बताया कि गवर्नर मैम ने जो मोटिवेट किया उससे काफी मदद मिलेगी आगे। वर्तिका इस समय एक कम्पनी में स्फिटवेयर इंजिनियर के पद पर कार्यरत हैं।
वहीं किसान की बेटी वैशाली सिंह जिन्हे सोशियोलॉजी में स्वर्ण पदक मिला है ने देश और समाज के लिए काम करने की बात की। वहीं एमसी बायोटेक टेक्नोलॉजी में गोल्ड मेडल पाने वाली इशीता अग्रवाल ने अपने परिजनों को इसके लिए श्रेय दिया।