वाराणसी। गंगा के लगातार बढतें जलस्तर से ना सिर्फ गंगा किनारे बसे इलाकों के लोग प्रभावित हो रहें हैं अपितु ग्रामिण क्षेत्रों में जो तटीय क्षेत्र में आते है उनके किसानों की चिंता भी बढती जा रही है। लगातार गंगा का जलस्तर बढने से गंगा घाटों का संपर्क टूट गया है, वहीं वरूणा नदी के तटों पर बसे मुहल्लों में भी पानी प्रवेश कर गया है ।
वाराणसी में केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, आज 10 अगस्त को सुबह 6:00 बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.71 मीटर पर था। इसमें 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। पिंडरा तहसील के वरुणा तटीय गाँव कोइराजपुर, दासेपुर, चमाव, करोमा, गोसाईपुर, भगतुपुर, सहित दर्जनों गांव मे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गये है।
एसडीएम पिंडरा गिरिश द्विवेदी ने कोईराजपुर सहित कुछ गांव का दौरा किया।एसडीएम ने काशी कृषक इंटर कालेज में बाढ राहत चौकी होने की गांव वालों को जानकारी देते हुए प्रभावितों को वहा शरण लेने की अपील की ।
वरूणा किनारे लक्षीपुर, परसीपुर, रसूलपुर, जगापट्टी, औसानपुर, खंडा, अतेदुईं, सतनपुर के तटीय फसलें भी जल में डुब गये है,जो की किसानों की चिंता को बढा रही है। किसानों के माथें पर भार की लकिरें गहरा रही है। उधर तहसीलदार राजातलाब मिनाक्षी पांडेय ने बाढ़ मदद चौकियों की स्थापना को तेज करने का आदेश दे दिया है बाढ़ पीड़ित किसानों ने सुरक्षा व सहायता की मांग की हैं। उधर जलमग्न हुए खेतों के फसलों और सब्जियों के नष्ट होने के बाद इस अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में अनाजों एवं सब्जियों के दामों में भी भारी प्रभाव पड़ने वाला है।
रिपोर्ट:- मधु मौर्या।