बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी इस बार देव दीपावली के अवसर पर इतिहास रचने की तैयारी में है। शहर के घाट इस साल लगभग दस लाख दीपकों की रोशनी से जगमगाएंगे। इस भव्य उत्सव में गंगा-जमुनी तहजीब का एक अद्वितीय उदाहरण देखने को मिलेगा, क्योंकि मुस्लिम महिलाएं भी इस पर्व को सजाने और रोशन करने में अहम योगदान दे रही हैं। करीब 15 दिनों से लगभग 300 महिलाएं अलग-अलग समूहों में मिलकर गाय के गोबर से एक लाख दीपक तैयार कर रही हैं। उनका कहना है कि अपने हाथों से बनाए दीपकों के माध्यम से वाराणसी को रोशन करने का अवसर पाकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। भाजपा नेता हुमा बानो ने बताया कि यह एकता और सद्भाव का प्रतीक है और इन दीपकों को लोगों में बांटा जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीदा बानो ने कहा कि इस पहल का मकसद हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारे का संदेश देना है। उत्तर प्रदेश प्रशासन भी इस अवसर को और भव्य बनाने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार की देव दीपावली ऐतिहासिक होने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी होगी। कुल 10 लाख से अधिक दीपक घाटों, तालाबों और कुंडों पर सजाए जाएंगे, जिनमें से 1 लाख दीपक विशेष रूप से गोबर से बने होंगे। घाटों को आकर्षक रोशनी और सजावट से सजाया जा रहा है, और सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि काशी की पवित्रता और सुंदरता बनी रहे।
देव दीपावली के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक वाराणसी पहुंचेंगे। इस अवसर पर घाटों और शहर की रौनक देखने लायक होगी। लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए पहले ही होटल, गेस्ट हाउस, नावें और क्रूज बुक कर चुके हैं।
इसके अलावा, 1 से 4 नवंबर तक राजघाट पर चार दिन का गंगा महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। हर साल की तरह इस साल भी देव दीपावली काशी को आस्था, संस्कृति और परंपरा का अनोखा मंच प्रदान करेगी, और शहर को भव्य रूप से सजाएगी।