अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेटिक नेताओं में से एक और पूर्व राजदूत रहम इमैनुएल ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की लालसा में भारत के साथ अमेरिका की चार दशक पुरानी रणनीतिक साझेदारी को खतरे में डाल दिया। इमैनुएल ने ट्रंप की भारत नीति को 'अहंकार' और 'व्यक्तिगत लाभ' से प्रेरित बताते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने चीन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सहयोगी को गंवा दिया।
बराक ओबामा प्रशासन में व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके इमैनुएल ने एक विस्फोटक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम के लिए अनुचित दबाव डाला और फिर इसे अपनी बड़ी राजनयिक सफलता के रूप में प्रचारित किया, ताकि वह नोबेल शांति पुरस्कार के लिए खुद को नामित करा सकें।
इमैनुएल ने कहा कि भारत ने अपनी सेना की गुजारिश पर 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाकिस्तानी सेना के अनुरोध पर रोका था, लेकिन ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कम से कम 50 बार यह दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों पर 200% टैरिफ की धमकी देकर उन्हें युद्धविराम के लिए मजबूर किया। इस तरह के आत्म-प्रशंसा वाले दावों से भारत-अमेरिका के संबंधों में अनावश्यक तनाव पैदा हुआ, जबकि दोनों देशों के बीच सहयोग पिछले कई दशकों में कई प्रशासनों की मेहनत का नतीजा था।
नोबेल की चाहत में बिगड़े रिश्ते
पूर्व राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप ने अपने 'अहंकार' और नोबेल पुरस्कार की चाहत में उस अवसर को खो दिया, जिसमें भारत चीन के खिलाफ विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और सैन्य क्षेत्रों में अमेरिका का एक मजबूत साझेदार बन सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर और पाकिस्तान के साथ अनावश्यक रूप से नजदीकी बढ़ाकर 40 साल की द्विदलीय मेहनत को बर्बाद कर दिया।
इमैनुएल ने सीधे तौर पर कहा, "राष्ट्रपति ने डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन प्रशासनों द्वारा भारत के साथ बनाए गए मजबूत संबंधों को, यहाँ तक कि अपनी पहली सरकार के दौरान की गई कुछ प्रगति को भी, अपने व्यक्तिगत अहंकार और पाकिस्तान से मिले वित्तीय लाभ के लिए कुर्बान कर दिया।"
ट्रंप परिवार और पाकिस्तान कनेक्शन पर सवाल
आरोपों को और सनसनीखेज बनाते हुए, इमैनुएल ने ट्रंप के बेटे और उनके सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैक विटकॉफ पर पाकिस्तान से पैसा लेने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति नरम नीति का कारण यही वित्तीय लेन-देन हो सकता है।
जैक विटकॉफ ने कथित तौर पर अप्रैल 2025 में 'पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल' के साथ एक समझौता किया था, जिसका उद्देश्य डिजिटल वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देना था। मीडिया रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि इस कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, एरिक ट्रंप और जारेड कुशनर की हिस्सेदारी होने की खबरें थीं। इमैनुएल ने इन वित्तीय संबंधों को ट्रंप की पाकिस्तान-समर्थक और भारत-विरोधी नीतियों के पीछे का प्रमुख कारण बताया है, जिसने भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंधों में एक गहरा गतिरोध पैदा कर दिया।