ताजा खबर
बुलेट ट्रेन: प्रोजेक्ट का पूरा होना इस प्रमुख कारक पर निर्भर करता है, आरटीआई से पता चला   ||    ICICI और Yes Bank के सर्विस चार्ज बदले, Axis ने भी किया बड़ा ऐलान   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    लोकसभा चुनाव 2024: सबसे बड़ा लोकतंत्र मतदान क्यों नहीं कर रहा?   ||    Earth Day 2023: पृथ्वी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?   ||    फैक्ट चेक: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच CM धामी ने सरेआम बांटे पैसे? वायरल वीडियो दो साल पुराना...   ||    मिलिए ईशा अरोड़ा से: ऑनलाइन ध्यान खींचने वाली सहारनपुर की पोलिंग एजेंट   ||    आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||   

Nandini Satpathy : 8 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश झंडा उतार खाई लाठियां, दिलाया चुप रहने का अधिकार

Photo Source :

Posted On:Friday, August 4, 2023

आज, 4 अगस्त, 2023 को, हम सम्मानित और महान श्रीमती की 17वीं पुण्य तिथि (पुण्यतिथि) मना रहे हैं। नंदिनी सत्पथी, (मृत्यु तिथि 4 अगस्त, 2006) जिन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस पवित्र अवसर पर जब हम उन्हें याद करते हैं, तो हम उनके शानदार राजनीतिक करियर के दौरान देश और ओडिशा राज्य के लिए उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान पर विचार करते हैं। श्रीमती नंदिनी सत्पथी एक दूरदर्शी नेता थीं, जिन्होंने वंचितों के हितों की वकालत की और लोगों के कल्याण के लिए अथक प्रयास किया।

उनके समर्पण, निष्ठा और सामाजिक न्याय की निरंतर खोज ने उन नागरिकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है जिनकी उन्होंने सेवा की। इस दिन, हम उनकी स्मृति को सम्मान देते हैं और उनकी असाधारण विरासत से प्रेरणा लेते हैं जो नेताओं की पीढ़ियों का मार्गदर्शन और प्रेरणा देती रहती है।9 जून 1931 को जन्मी नंदिनी सत्पथी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और कुशल लेखिका थीं। उनके शानदार करियर ने उन्हें ओडिशा की मुख्यमंत्री बनने तक पहुंचाया, एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जिसने भारतीय राजनीति में एक अग्रणी के रूप में उनकी विरासत को मजबूत किया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: नंदिनी सत्पथी का जन्म कटक, ओडिशा, भारत में हुआ था। उनकी परवरिश में शिक्षा और सामाजिक मूल्यों पर ज़ोर दिया गया, जिसने उनके व्यक्तित्व और आकांक्षाओं को आकार दिया। उन्होंने राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और कानून में अपनी शिक्षा पूरी की, जिसने सार्वजनिक सेवा में उनके भविष्य की नींव रखी।

राजनीति में प्रवेश: सत्पथी का राजनीति में प्रवेश भारत में महान सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के समय हुआ। 1960 के दशक की शुरुआत में, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गईं और जल्द ही खुद को एक गतिशील और करिश्माई नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया। विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के साथ जुड़ने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक समर्पित अनुयायी और उनके सहयोगियों की प्रशंसा अर्जित की।

मुख्यमंत्री पद तक वृद्धि: जून 1972 में, नंदिनी सत्पथी अपने राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंची जब उन्हें ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, और वह राज्य में यह पद संभालने वाली पहली महिला बनीं। मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ग्रामीण विकास, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देने वाला था। उन्होंने समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के उत्थान और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई नवीन पहलों को लागू किया।

महिला अधिकारों की समर्थक: नंदिनी सत्पथी महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की कट्टर समर्थक थीं। कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उन नीतियों को प्राथमिकता दी जिनका उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार करना था। उन्होंने राजनीति, प्रशासन और सार्वजनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया। महिला सशक्तीकरण के प्रति उनका समर्पण ओडिशा और उसके बाहर की महिलाओं की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में काम किया।

साहित्यिक योगदान: अपने राजनीतिक प्रयासों के अलावा, सत्पथी एक कुशल लेखिका और लेखिका थीं। उन्होंने कई किताबें और लेख लिखे, जो उनकी साहित्यिक क्षमता को दर्शाते हैं। उनका लेखन राजनीति, सामाजिक मुद्दों और व्यक्तिगत अनुभवों सहित विविध विषयों पर आधारित था। अपने साहित्यिक कार्यों के माध्यम से, उन्होंने संवाद को प्रोत्साहित करने और समाज को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मामलों के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया।

विरासत और मान्यता: भारतीय राजनीति और साहित्य में नंदिनी सत्पथी के योगदान ने उन्हें व्यापक पहचान और प्रशंसा दिलाई। उनका दृष्टिकोण और नेतृत्व ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करता है और नेताओं की भावी पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करता है। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और लोगों के कल्याण के प्रति समर्पण ने उन लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है जो उन्हें जानते थे और देश को प्रेरित करते रहे।

निधन: 4 अगस्त, 2006 को नंदिनी सत्पथी का निधन हो गया और वह अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गईं, जिसका जश्न आज भी मनाया जाता है। उनके निधन पर राजनीतिक विचारधाराओं से परे, समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों ने शोक व्यक्त किया। राष्ट्र ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया, और उनकी अनुपस्थिति ने एक शून्य पैदा कर दिया जिसे भरना मुश्किल है।नंदिनी सत्पथी की जीवन यात्रा दृढ़ संकल्प की शक्ति और एक व्यक्ति द्वारा राजनीति और साहित्य के माध्यम से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रमाण है। ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी अग्रणी भूमिका और उनका साहित्यिक योगदान उन्हें भारतीय इतिहास में एक प्रसिद्ध व्यक्ति बनाता है। उन्हें सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई और उनकी साहित्यिक प्रतिभा के लिए हमेशा याद किया जाएगा, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करती रहेगी।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.