हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्री कामिनी कौशल का शुक्रवार को 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शनिवार, 15 नवंबर 2025 को उनका अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली शमशान घाट में संपन्न हुआ। उनके अंतिम दर्शन के लिए परिवार के सदस्य और करीबी लोग उपस्थित रहे। खास बात यह रहीकि उनके पालतू डॉग्स को भी अंतिम दर्शन कराए गए। उनका अंतिम संस्कार विद्युत (इलेक्ट्रिक) शवदाह के जरिए किया गया।
कामिनी कौशल ने अपने करियर की शुरुआत 1946 में फिल्म ‘नीचा नगर’ से की थी। यह फिल्म फ्रांस के कान फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हुई औरगोल्डन पाम पुरस्कार जीता। 20 वर्ष की आयु में ही वे स्टारडम के शिखर पर पहुँच गईं।
अपने करियर में उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें शहीद (1948), नदिया के पार (1948), आग (1948), जिद्दी (1948), शबनम (1949), आरजू(1950), बिराज बहू (1954) शामिल हैं। 'बिराज बहू' के लिए उन्हें 1954 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। उन्होंने हर दौर केसुपरस्टार्स के साथ काम किया, जिनमें मनोज कुमार, शाहिद कपूर, शाहरुख खान और आमिर खान शामिल हैं।
कामिनी कौशल ने अपनी कला और प्रतिष्ठा से हिंदी सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी। उनका योगदान पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा, और उनकेअभिनय की यादें हमेशा फिल्मों के पर्दे पर जीवित रहेंगी।
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