बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के बाद एबीपी बिहार के एग्जिट पोल में मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की 10 सीटों पर दिलचस्प तस्वीर उभरकर सामने आई है। यहां एनडीए को 6 सीटों पर बढ़त दिखाई दे रही है, जबकि महागठबंधन 2 सीटों पर आगे है। वहीं दो सीटों पर कांटे का मुकाबला बना हुआ है। पार्टीवार स्थिति देखें तो बीजेपी और जेडीयू को तीन-तीन सीटों पर बढ़त मिली है, जबकि आरजेडी और कांग्रेस को एक-एक सीट पर लाभ होता नजर आ रहा है।
हरलाखी सीट पर एनडीए के सुधांशु शेखर आगे
हरलाखी सीट पर जेडीयू उम्मीदवार सुधांशु शेखर की स्थिति मजबूत बताई जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र शेखर आजाद के अनुसार, सुधांशु शेखर की सौम्य छवि और क्षेत्र में वोटरों के बिखराव ने उन्हें फायदा पहुंचाया है। इसके साथ ही एनडीए की कल्याणकारी योजनाओं का महिलाओं में व्यापक असर देखने को मिला है। महिला मतदाताओं के समर्थन से यहां एनडीए को निर्णायक बढ़त मिल सकती है।
बेनोपट्टी में कांग्रेस उम्मीदवार नलिनी रंजन को बढ़त
बेनोपट्टी सीट पर महागठबंधन की स्थिति बेहतर बताई जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार श्याम मिश्रा के अनुसार, कांग्रेस उम्मीदवार नलिनी रंजन को यहां बढ़त मिल रही है। वहीं एनडीए के उम्मीदवार विनोद नारायण झा ब्राह्मण समाज के प्रभावी नेता होते हुए भी अपनी सीट बचाने में संघर्ष करते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि महिलाओं में योजनाओं के प्रति कम रुझान और पूर्व केंद्रीय मंत्री सकील अहमद का स्थानीय प्रभाव इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
खजौली सीट पर बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद मजबूत स्थिति में
खजौली सीट पर बीजेपी उम्मीदवार अरुण शंकर प्रसाद की स्थिति सबसे सुदृढ़ मानी जा रही है। पत्रकार सुमित कुमार का कहना है कि प्रसाद के विकास कार्यों और सरल स्वभाव ने उन्हें जनता का भरोसा दिलाया है। विपक्षी दलों के बीच मतों का बिखराव और स्थानीय स्तर पर उनकी सक्रियता उन्हें जीत की ओर ले जा रही है।
बाबूबरही में आरजेडी के अरुण कुमार सिंह आगे
बाबूबरही सीट पर महागठबंधन के आरजेडी उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह ने बढ़त बना ली है। यादव और कुशवाहा मतदाताओं के एकजुट समर्थन के साथ-साथ महिलाओं का एनडीए से मोहभंग भी उनकी स्थिति को मजबूत कर रहा है।
मधुबनी क्षेत्र में कांटे की टक्कर बरकरार
कुल मिलाकर, मधुबनी क्षेत्र में इस बार चुनावी जंग बेहद दिलचस्प बनी हुई है। बिस्फी में हिंदू-मुस्लिम वोटिंग पैटर्न, मधुबनी में वैश्य समुदाय की भूमिका और एनडीए के आंतरिक मतभेद मुकाबले को और पेचीदा बना रहे हैं। वहीं राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास और लौकहा जैसी सीटों पर एनडीए की स्थिति बेहतर बताई जा रही है। महिला मतदाताओं का झुकाव, स्थानीय नेताओं का प्रभाव और गठबंधन की रणनीति अंतिम परिणाम को प्रभावित कर सकती है। कुल मिलाकर, एनडीए फिलहाल मधुबनी क्षेत्र में थोड़ी बढ़त बनाए हुए है, लेकिन कुछ सीटों पर नतीजे चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।