बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में गलन और शीतलहर ने जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। सोमवार सुबह से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो सके और घने कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया। ठंड को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, जबकि ट्रेन, बस और विमान सेवाओं पर भी इसका व्यापक असर पड़ रहा है।
रविवार को बनारस ने ठंड के मामले में पहाड़ी इलाकों को भी पीछे छोड़ दिया। आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी का अधिकतम तापमान सामान्य से 9.2 डिग्री नीचे गिरकर मात्र 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान मनाली (15 डिग्री), काठमांडू (16 डिग्री) और लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर (12.6 डिग्री) के आसपास रहा, जिससे शहर में पहाड़ी जैसी ठिठुरन महसूस की गई।
रविवार इस मौसम का अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। जिले का न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो 2019 के बाद दिसंबर में दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है। यूपी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार अगले दो दिनों तक ठंड का असर इसी तरह बना रहेगा, जबकि इसके बाद कोहरे की तीव्रता और बढ़ सकती है।
शीतलहर और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. एनडी शर्मा ने वाराणसी मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो और आपात सेवाएं पूरी तरह सक्रिय रहें।