भारत में धूप की कोई कमी नहीं होती, फिर भी लगभग 65 से 70 प्रतिशत भारतीयों में विटामिन डी की कमी है। एक ताजा अध्ययन बताता है कि इस विटामिन की कमी से अन्य बीमारियों के साथ ही डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) का खतरा है। विटामिन डी से हमारे शरीर को काफी ऊर्जा मिलती है, जिससे हमारा शरीर सुचारू ढंग से काम करता है। सूर्य की किरणों को विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जो कि तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
आइए जानते हैं विटामिन डी से जुड़ी हुई कुछ जरूरी बातों के बारे में:
कमी से हो सकते हैं ये बड़े रोग:
अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस. एन. गुप्ता बताते हैं ,की विटामिन डी की कमी से शरीर में पूरे दिन थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, बालों का झड़ना , डायबिटीज ,शरीर में सूजन, कोलेस्ट्रॉल का बनना, कमजोर इम्यूनिटी, सर्दी – जुकाम ,संक्रामक रोग ,डिमेंशिया (भूलने की बीमारी), हाई ब्लड प्रेशर ,हार्ट अटैक , अस्थमा ,लंबे समय तक खून में विटामिन डी 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम होने पर बच्चों में एनीमिया (खून की कमी) होना। गर्भवती मां के शरीर में विटामिन डी की कमी होने से जन्म लेने वाले बच्चे में रिकेट्स तथा वृद्ध व्यक्तियों में ओस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो जाती है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी सेहत का ध्यान रखें।
विटामिन डी की कमी होने के लक्षण:• शरीर में विटामिन डी की कमी होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। • समय से पहले बुढ़ापा दिखने लगता है। चेहरे और हाथों में झुर्रियां पड़ना। • हड्डियों में दर्द की समस्या । • मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना। • थकावट महसूस होना तथा किसी काम में मन नहीं लगना। • जरुरत से ज्यादा नींद आना। हमेशा डिप्रेशन में होने जैसा महसूस होना इत्यादि।
इन चीजों से पूरी की जा सकती है विटामिन डी की कमी: • साल भर में कम से कम 40 दिन , प्रतिदिन 40 मिनट तक जिसमें शरीर का 40 प्रतिशत हिस्सा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आए ,धूप का सेवन करना चाहिए। • मछली के जिगर से मिलने वाले कॉड लिवर ऑयल विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है।अगर मछली नहीं खा सकते हैं, तो अंडे को डाइट में शामिल करें अंडे का पीला भाग जरूर खाएं। • डेयरी प्रोडक्ट्स से विटामिन डी की कमी पूरी होती है। इसके लिए दूध, पनीर, दही, मक्खन, छाछ आदि का सेवन करें। • बच्चों को दूध जिस समय पीने के लिए दें उसे उसी समय उबालें और ठंडा कर के दें। • मलाई युक्त दूध का सेवन करें। • गाजर खाएं या उसका जूस पी सकें तो और बेहतर होगा। • मशरूम भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। • सूरजमुखी के बीजों में भी विटामिन डी पाया जाता है।