बनारस न्यूज डेस्क: करोड़ों के कफ सिरप कांड का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। वाराणसी में उसके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हैं, जबकि गाजियाबाद, सोनभद्र और जौनपुर में उसके खिलाफ एक-एक मामला चल रहा है। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) कर रही है। गिरफ्तारी के लिए SOG और सर्विलांस टीम भी तैनात हैं, लेकिन अब तक शुभम की कोई लोकेशन पुलिस को नहीं मिली है।
सूत्रों के अनुसार, शुभम का मोबाइल लंबे समय से बंद है और वाराणसी स्थित उसका घर भी बंद पड़ा है। कहा जा रहा है कि शुभम शहर के बड़े वकीलों के संपर्क में है और जल्द ही कोर्ट में सरेंडर करने की संभावना जताई जा रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, वाराणसी में मुकदमा दर्ज होने से पहले ही वह विदेश भाग गया था।
वाराणसी के कोतवाली और रोहनिया थाने में शुभम के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। कोतवाली वाले मुकदमे में गिरफ्तारी मुश्किल है, जबकि रोहनिया थाने वाले मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि SOG और सर्विलांस टीम उसके पकड़ में आने के लिए लगातार जांच कर रही है, लेकिन शुभम अब तक सभी प्रयासों को चकमा देने में सफल रहा है।
एसआईटी की टीम ने बुधवार को सप्तसागर मंडी में कफ सिरप कांड से जुड़े दवा कारोबारियों के कागजात की जांच शुरू कर दी है। SIT अध्यक्ष सरवणन टी खुद पूछताछ में शामिल रहे। शुरुआती जांच में सामने आया कि शुभम ने वाराणसी के थोक दवा व्यापारियों को 50 करोड़ से अधिक की कफ सिरप सिर्फ कागजों पर बेची। इस कफ सिरप को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नशे के लिए 8 से 10 गुना अधिक कीमत पर बेचा गया था। पूरा कारोबार लगभग 100 करोड़ से ऊपर का है।