बनारस न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को प्राचीनता और आधुनिकता के संगम के रूप में विकसित किया है। रोपवे, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, बंदरगाह, क्रिकेट स्टेडियम, कन्वेंशन सेंटर और नाइट बाजार जैसी योजनाओं ने काशी को नई पहचान दी है। इनसे शहरवासियों को रोजगार के मौके भी मिले हैं। लेकिन इसी बीच कुछ लोग अनैतिक और अवैध धंधों से काशी की धार्मिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। अब ऐसे लोगों पर कमिश्नरेट पुलिस ने सख्त कार्रवाई का मन बना लिया है।
पिछले दिनों पुलिस ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर देह व्यापार, नशा और सट्टेबाजी जैसे करीब एक दर्जन अड्डों को पकड़ा। इस दौरान 5 दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसी वजह से गली-गली में खुले गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, हुक्का बार और ऑनलाइन गेम सेंटर्स प्रशासन के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं।
अप्रैल महीने में घटी एक घटना ने पूरे देश का ध्यान काशी की ओर खींचा था, जब एक युवती ने 23 लोगों पर नशे की दवाई देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। जांच में यह सामने आया कि कई रेस्टोरेंट और कैफे संचालक युवाओं को बहला-फुसलाकर नशे और देह व्यापार में धकेल रहे थे। इसी घटना के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने फैसला लिया कि ऐसे नेटवर्क को तोड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने SOG-2 का गठन किया, जो खासतौर पर देह व्यापार, ऑनलाइन सट्टा और अवैध हुक्का बार पर कार्रवाई के लिए बनाई गई। टीम ने स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाई और उसका वेरिफिकेशन कर छापेमारी शुरू की। अगस्त 4 से अब तक कई थाना क्षेत्रों में लगातार कार्रवाई की गई है और दर्जनों संदिग्ध केंद्रों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है।