बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में महिला थाना की प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी और उनकी सहयोगी सिपाही अर्चना राय को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश जारी किया। यह कार्रवाई एंटी करप्शन टीम द्वारा 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद की गई। आरोप है कि इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी ने शिकायतकर्ता से FIR हटाने के लिए पैसे मांगे और सिपाही अर्चना राय के जरिए ले रही थीं।
घटना के अनुसार, एक पीड़िता ने अपने ससुरालियों के खिलाफ महिला थाने में केस दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, पुलिस ने कार्रवाई के दौरान उन्हें धमकाया और नाम हटवाने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की। 16 अक्टूबर को एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर सुमित्रा देवी और अर्चना राय को रंगे हाथों पकड़ लिया। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया।
सुमित्रा देवी 2010 से 2021 तक लखनऊ के विभिन्न थानों में कार्यरत रही हैं और 2021 में वाराणसी ट्रांसफर हुईं। इसके बाद उन्होंने महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक के पद संभाला। उनके खिलाफ अब तक हुई शिकायतों की भी गंभीरता से जांच की जाएगी। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता के मामलों में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और पुलिस की निष्पक्ष और पारदर्शी छवि बनाए रखी जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद वाराणसी पुलिस प्रशासन ने संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एंटी करप्शन टीम ने तेजी से कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया कि कानून की उचित प्रक्रिया के तहत दोषियों को सजा मिले। इस घटना की तस्वीरें और घटनाक्रम मीडिया में भी वायरल हो चुके हैं।