बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के दालमंडी इलाके में बुधवार को प्रशासन ने चौड़ीकरण अभियान की बड़ी कार्रवाई शुरू की। इलाके की तंग गलियों में पहुंचते ही पुलिस और पीडब्ल्यूडी की टीम ने तोड़फोड़ की प्रक्रिया शुरू की। विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट पहन रखे थे। इलाके में प्रवेश रोकने के लिए दालमंडी के दोनों मुख्य रास्तों को पहले ही बंद कर दिया गया था। हालांकि, अभी तक किसी बड़े विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है।
दालमंडी वाराणसी का सबसे पुराना और घनी आबादी वाला व्यावसायिक क्षेत्र है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सड़क चौड़ीकरण की योजना बनाई गई। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने मुआवजा प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब इस प्रोजेक्ट को अमल में लाना शुरू किया है। दोपहर 12 बजे पीडब्ल्यूडी की टीम करीब 200 पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंची और सबसे पहले उन दुकानों पर कार्रवाई की, जिनके मालिकों को मुआवजा मिल चुका था।
पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके को घेर लिया और बाहरी लोगों की एंट्री बंद कर दी। अधिकारियों ने बताया कि यह सावधानी इसलिए बरती गई ताकि किसी भी तरह की अफरा-तफरी या हिंसक विरोध की स्थिति न बने। पीडब्ल्यूडी की टीमों ने दुकानदारों को पहले ही नोटिस जारी किया था, जिसकी समय सीमा 17 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी थी। त्योहारों के कारण देरी के बाद अब कार्रवाई शुरू की गई है।
दालमंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक होलसेल मंडी है, जहां सड़क की चौड़ाई सिर्फ 5 से 6 मीटर है। अब इसे 17 मीटर तक बढ़ाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 225 करोड़ रुपये खर्च होंगे और प्रभावित लोगों को सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। माना जा रहा है कि चौड़ीकरण पूरा होने के बाद यहां न सिर्फ यातायात सुधरेगा बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने के लिए एक नया और सहज मार्ग भी तैयार होगा।