बनारस न्यूज डेस्क: भारतीय सिनेमा में कुछ फिल्में केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले लेती हैं। ऐसी ही फिल्म है होम्बले फिल्म्स की ‘कांतारा: चैप्टर 1’। इस फिल्म ने दर्शकों को भारतीय लोककथाओं, आस्था और प्रकृति से जोड़ते हुए बड़ी लोकप्रियता हासिल की। फिल्म की सफलता के बाद निर्देशक और मुख्य अभिनेता ऋषभ शेट्टी ने वाराणसी आकर गंगा आरती में भाग लिया और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके इस दौरे ने दर्शाया कि फिल्म केवल स्क्रीन पर नहीं, बल्कि जीवन और संस्कृति में भी प्रभाव छोड़ती है।
‘कांतारा: चैप्टर 1’ 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई और भारत सहित विदेशों में जबरदस्त प्रतिक्रिया पाई। फिल्म कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली और अंग्रेज़ी भाषाओं में रिलीज हुई और पहले ही सप्ताह में बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ दिया। ग्रामीण जीवन, परंपराओं और प्रकृति के बीच संबंध को दर्शाने वाली यह फिल्म दर्शकों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव देती है। ऋषभ शेट्टी ने कहा, “हमारी जड़ें हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। जब हम अपनी संस्कृति को समझते हैं, तभी हम खुद को पहचान पाते हैं।”
वाराणसी में ऋषभ शेट्टी का दौरा सिर्फ फिल्म प्रमोशन का हिस्सा नहीं था। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होकर उन्होंने भगवान शिव और मां गंगा के प्रति आभार व्यक्त किया। स्थानीय लोग और तीर्थयात्री उन्हें ‘दक्षिण भारत का गर्व’ कहकर सम्मानित कर रहे थे। फिल्म ने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी और जापान सहित कई देशों में हाउसफुल शो देखे। क्रिटिक्स ने इसे “A celebration of faith and folklore” कहा और सोशल मीडिया पर फिल्म से जुड़े सीन और डायलॉग ट्रेंड कर रहे हैं।
होम्बले फिल्म्स की योजना अब ‘कांतारा’ को एक व्यापक कथा ब्रह्मांड में बदलने की है। चैप्टर 2 पर 2026 की शुरुआत में काम शुरू होगा, जिसमें भारत की विभिन्न लोक परंपराओं को शामिल किया जाएगा। ऋषभ शेट्टी ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा को दुनिया तक पहुंचाना है। उनका वाराणसी दौरा और गंगा आरती में भागीदारी इस बात का प्रतीक है कि कला का असली मूल्य उसकी भावनात्मक और आध्यात्मिक सच्चाई में है।