वाराणसी। इनकम टैक्स के रेड के 10 दिन बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने मेकर्स विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के कर्मियों के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराया है। आरोप है कि शिवपुर के वरुणा गार्डेन परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र फर्जी है। इसे वीडीए ने नहीं जारी किया है। वीडीए के जोनल अधिकारी प्रकाश कुमार की तहरीर पर दर्ज मुकदमे के अनुसार विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड ने सेंट्रल जेल रोड स्थित वरुणा गार्डेन परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र वीडीए के संयुक्त सचिव की तरफ से जारी होना बताया गया था, जो ठीक नहीं है। वीडीए के पास इस परियोजना के पूर्णता प्रमाण पत्र जैसी कोई पत्रावली नहीं है। यही रिपोर्ट आयकर विभाग की लखनऊ इकाई को भेजी गई है। इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट दुर्गेश कुमार मिश्रा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वीडीए के जोनल अधिकारी के अनुसार, वरुणा गार्डेन परियोजना का कूटरचित पूर्णता प्रमाण पत्र दिखाकर विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड ने आयकर अधिनियम का लाभ लिया है। इससे केंद्र सरकार को भारी राजस्व की क्षति होना प्रतीत होता है। वीडीए के कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग करके केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है। यह आपराधिक कृत्य है। बता दें कि, इनकम टैक्स की टीम ने बीते छह अक्टूबर को सपा नेता अबू आजमी व उनसे जुड़े कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। आठ अक्टूबर तक कार्रवाई चली थी। इस दौरान अबू आजमी की 250 करोड़ की बेनामी संपत्ति की जानकारी मिली थी। इसी का हवाला देते हुए ही आयकर विभाग ने वरुणा गार्डेन के 42 फ्लैट और मलदहिया स्थित विनायक प्लाजा के दो फ्लोर सील कर दिए थे। विनायक ग्रुप से जुड़े बैंक खातों को भी सीज कर दिया था। आयकर विभाग की टीम ने ही वरुणा गार्डेन परियोजना के पूर्णता प्रमाण पत्र की जांच करने की जिम्मेदारी वीडीए को दी थी। इसका संज्ञान लेकर ही वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने जांच कराई और फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ गया।