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देश के अमर वीर योद्धाओं की याद में जलाए गए अमरदीप

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Posted On:Monday, October 30, 2023

वाराणसी। तीन दशकों से राष्ट्र के अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में गंगा सेवा निधि द्वारा संपूर्ण कार्तिक मास जलाये जाने वाले आकाशदीप कार्यक्रम का इस वर्ष भी शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि के संस्थापक स्मृतिषेश पं सत्येन्द्र मिश्र जी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया गया। इसके बाद गणपति वंदना व देश भक्ति गीत की प्रस्तुति हुई।

इस अवसर पर संस्था द्वारा आज देश के अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में 186 BN CRPF शहीद सुनिल कुमार पाण्डेय, शहीद हृदय नरायण सिंह, शहीद संदीप निषाद, शहीद राघवेन्द्र सिंह, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के दौरान शहीद हए शहीद संजीव कुमार, उत्तराखण्ड में बाढ़ और लैण्डलाईड के दौरान रेसक्यू करते समय शहीद हुये, रेलवे सुरक्षा बल मे शहीद सुधीर कुमार सिंह, शहीद रविन्द्र प्रताप सिंह व संस्था के संस्थापक स्मृतिशेष पं. सत्येन्द्र मिश्र जी के लिए भी आकाशदीप प्रज्ज्वलित किये गया।

बता दें कि, 1999 कारगिल युद्ध विजय से गंगा सेवा निधि द्वारा अमर शहीदों के पुण्य स्मृति में आकाश दीप संकल्प का विस्तारीकरण व राष्ट्रीय रूप दिया था। संस्था द्वारा भारत के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में सम्पूर्ण कार्तिक मास आकाशदीप जलाया जाता हैं, गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव के साथ ही आकाश दीप का समापन किया जाता है और भारत के अमरवीर योद्धाओं को ‘‘भगीरथ शौर्य सम्मान‘‘ से सम्मानित भी किया जाता है।

काशी में सदियों-सदियों से गंगा घाटों पर अपने पूर्वजों की स्मृति में, उनके स्वर्गलोक की यात्रा के मार्ग को आलोकित करने के लिए आकाश-दीप जलाने की परम्परा रही है। आकाश-दीप से जुड़े कथानकों में ऐसी मान्यता है कि महाभारत युद्ध में प्राण विसर्जित करने वाले वीरों की स्मृतिमें भीष्म ने कार्तिक मास में दीप मालिकाओं से उन्हें संन्तर्पण दिया था। उसके साथ ही भारत की आजादी, स्वाधीनता, स्वतंत्रा के 75 साल के महोत्सव में भारत की अतीत के स्मृतियों को हम इस दीप के माध्यम से नमन कर रहें हैं। 1999 में कारगिल युद्ध ने गंगा सेवा निधि को इस बात के लिए प्रेरित किया कि अतीत से लेकर आज तक के समस्त वीर योद्धाओं की स्मृति में आकाश-दीप जला कर अपनी भावान्जलि दी जाय और इस भाव ने काशी की सदियों पुरानी आकाश-दीप की परम्परा को राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है। 

इस अवसर पर गंगा सेवा निधि के सुशान्त मिश्र, अध्यक्ष सुरजीत सिंह, सचिव आशीष तिवारी, कोषाध्यक्ष पं. इन्दूशेखर शर्मा व अन्य सदस्यों ने अमर वीरों को नमन करते हुए अतिथियों का स्वागत किया।


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