बनारस न्यूज डेस्क: बाबा बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाराणसी पहुंचे और मणिकर्णिका घाट पर अपने गुरुजी के शवदाह स्थल पर देर रात तक बैठकर पूजा-अर्चना व साधना की। उन्होंने गंगा में स्नान के बाद काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन किए और आत्मिक अनुष्ठानों में व्यस्त रहे, जिन्हें स्थानीय श्रद्धालुओं व अनुयायियों ने घेरकर देखा।
शास्त्री ने सनातन धर्म और हिन्दू एकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि सामूहिक रूप से हिन्दू समाज को सशक्त करना आवश्यक है तथा मंदिरों की भव्यता और धार्मिक परंपराओं से समाज की उन्नति दिखती है। उनके शब्दों में, “जहां राजा सनातनी होगा, वहां समाज और देश विकास की राह पर चलता है,” और वे अपनी बात रखने वालों को खुले आम आमंत्रित करते दिखे।
जब उनसे भाजपा के लिए प्रचार करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे विदेशों—लंदन और युगांडा—में भी कथा व प्रवचन कर चुके हैं और उनका गुरु किसी एक राजनीतिक दल का नहीं है। शास्त्री ने स्पष्ट किया कि वे सनातन और मानवता के सिद्धांतों के साथ खड़े रहते हैं और जिसकी भी विचारधारा इन मूल्यों से मेल खाती है, उसके साथ सहयोग करेंगे।
नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान के संदर्भ में बाबा ने वैश्विक स्तर पर हिन्दू विरोधी प्रवृत्तियों की बात उठाते हुए चिंता जताई और कहा कि पड़ोसी देशों में हिन्दुओं की स्थिति चिंताजनक रही है; उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत व नेपाल सहित क्षेत्र में हिन्दू सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया जाए। उनकी ये टिप्पणियाँ स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनीं।