वाराणसी। इनकम टैक्स बार एसोसिएशन, वाराणसी के अध्यक्ष आसिम जफर के नेतृत्व में वाराणसी के टैक्स- प्रैक्टिशनर्स एडवोकेट व चार्टर्ड एकाउंटेंट का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को वाराणसी के बी.एल.डब्लू. अतिथिगृह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आयकर व जीएसटी की अनेक समस्याओं से अवगत कराया और उनके त्वरित निवारण की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि कर के मामलों में तकनीकी विकास के कारण आयकर व जीएसटी के समस्त कार्य कंप्यूटर व इंटरनेट के माध्यम से संपन्न कराए जा रहे हैं परंतु भारतवर्ष की एक बड़ी आबादी पढ़ी लिखी न होने के कारण तथा कंप्यूटर का ज्ञान न होने के कारण वे भेजी गई नोटिस का समय पर जवाब नहीं दे पा रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ बिना सुनवाई पूरी किए हुए निर्धारण आदेश जारी किया जाता है और अनाप-शनाप टैक्स की मांग खड़ी कर दी जाती है।
वित्त मंत्री से मांग की गई कि कंप्यूटर सिस्टम के अलावा अन्य माध्यमों से जैसे - स्पीड-पोस्ट व नोटिस सर्वर के माध्यम से भी नोटिस की सर्विस की जाए ताकि करदाताओं को नैसर्गिक न्याय के आधार पर सुनवाई का मौका मिल सके। वित्तमंत्री से मांग की गई कि वाराणसी के आयकर कार्यालय में पूर्व की भांति प्रधान आयकर आयुक्त (प्रशासन) का पद बहाल किया जाए। स्थाई रूप से प्रधान आयकर आयुक्त (प्रशासन) वाराणसी में पूर्व की भांति नियुक्त किया जाए।
बता दें कि, वाराणसी आयकर कार्यालय में हमेशा ही एक स्थाई प्रधान आयकर आयुक्त (प्रशासन) का कार्यालय कार्यरत रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस कार्यालय को वाराणसी से प्रयागराज स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि उचित व न्यायसंगत नहीं है। वाराणसी में बढ़ी हुई राजस्व वसूली और इसकी राजनैतिक व व्यवसायिक महत्ता को देखते हुए प्रधान आयकर आयुक्त (प्रशासन) का कार्यालय प्रयागराज से तत्काल हटाकर पुनः वाराणसी में स्थापित होना चाहिए।
वित्तमंत्री को वाराणसी में होने वाली प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय कर सम्मेलन तथा जी-20 में होने वाले कार्यक्रमों के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। वित्तमंत्री ने आयकर व जीएसटी संबंधित पत्रकों व जी-20 में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय टैक्स कॉन्फ्रेंस से संबंधित कागजातों को अग्रिम कार्रवाई हेतु अपनी कब्जे में ले लिया। प्रस्तुत की गई समस्याओं व प्रस्तावित अंतराष्ट्रीय टैक्स कॉन्फ्रेंस के संबंध में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जीएसटी में, मुख्यरूप से जीएसटी स्क्रुटनी के उपरांत डिमांड के साथ मांग किए जा रहे ब्याज की छूट हेतु प्रावधान के संबंध में मांग की गई।
इस दौरान प्रत्यक्ष-कर (आयकर) की लंबित अपीलों के त्वरित निस्तारण की मांग की गई। अपील के निस्तारण से पूर्व किसी प्रकार के टैक्स डिमांड न करने हेतु मांग की गई। वित्त मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए बड़ी सहजता व गंभीरता से प्रत्येक बिंदुओं एवं समस्याओं को सुना और उसके त्वरित निराकरण का आश्वासन भी दिया। उन्होंने पिछले वर्ष दिसंबर में अपने वाराणसी प्रवास के दौरान इनकम टैक्स बार एसोसिएशन व वाराणसी के टैक्स-प्रैक्टिशनर्स के साथ हुई बैठक को भी याद किया। वाराणसी के बार व टैक्स-प्रैक्टिशनर्स की जागरूकता की प्रशंसा की। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली आकर समस्याओं पर चर्चा और उसके निराकरण का आमंत्रण दिया।प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इनकम टैक्स बार एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष आसिम जफर कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल में, इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आसिम जफर, इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला, एआईएफटीपी नॉर्थ जोन के अध्यक्ष ओपी शुक्ला, आईसीएआई वाराणसी चैप्टर के सीए द्विजेंद्र कुमार सिंह व इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी के सदस्य संजय कुमार वर्मा शामिल थे।