वाराणसी । बीएचयू के सरसुंदर लाल अस्पताल में तीन फर्जी इंटर्न पकड़े जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने इन तीन फर्जी इंटर्न के साथ बीएचयू आईएमएस के चार छात्रों पर शनिवार को लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। ये तीन बारहवी पास फर्जी एमबीबीएस इंटर्न बीएचयू आईएमएस के एमबीबीएस छात्रों के जगह अस्पताल में इंटर्नशिप करते थे। इसके एवज में इन्हे पेटीएम के माध्यम से रोज का छः सौ से आठ सौ रुपया भी मिलता था।
दर्ज मुकदमे में डॉ. नितिन, डॉ. शुभम, डॉ. सौमिक डे और डॉ. कृति अरोड़ा को नामजद किया गया है। चारों एमबीबीएस कर चुके हैं। अब आईएमएस के अलग-अलग विभागों में इंटर्नशिप कर रहे थे, लेकिन अपनी जगह दूसरे युवक व युवती को भेजकर फर्जी तरीके से ड्यूटी करा रहे थे। फर्जी इंटर्न की पहचान अमरपुर मंडिया विश्वेश्वरगंज वाराणसी की प्रीती चौहान, मिर्जापुर के अदलहाट थाना के विजुडका के मोहित सिंह और सोनभद्र के अनपरा के डब्ल्यूआईई कालोनी गेट के अभिषेक सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने इन सबके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
अस्पताल के एमएस ने कहा है की रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को रिपोर्ट भेजी जाएगी साथ ही आईएमएस के डायरेक्टर को भी उचित कार्यवाही के संस्तुति की गई है। एमएस डॉक्टर के के गुप्ता के अनुसार अस्पताल के ही एक नर्सिंग स्टाफ ने जानकारी दी की प्रसूति विभाग के साथ अन्य विभाग में तीन लोग अन्य के नाम पर ड्यूटी कर रहे हैं तत्काल ही इन तीनों को मौके से पकड़ा गया। जिसके बाद प्रशासन की तरफ से लंका थाने में शिकायत की गई।
पूछताछ में इन फर्जी इंटर्न ने बताया कि बीएचयू आईएमएस के ही चार डॉक्टर जो एमबीबीएस पूरा करने के बाद इंटर्न के तौर पर अस्पताल में लगाए गए थे वो अपनी जगह बारहवी पास लोगो से इंटर्नशिप करा रहे हैं और रोज के हिसाब से इन लोगो को पेटीएम के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करते थे । पूछताछ में इन फर्जी इंटर्न ने बीएचयू आईएमएस के चार एमबीबीएस छात्रों के नाम बताए जिनके बारे में जांच शुरू कर दी गई है।
एमएस के के गुप्ता ने आगे बताया कि आईएमएस के चार एमबीबीएस छात्रों के नाम पर उपस्थिति दर्ज करने और पैसे ट्रांसफर के डिटेल मिले हैं जिसको आधार मान कर मुकदमा दर्ज कराया गया है । पुलिस की जांच के अलावा आईएमएस के डायरेक्टर को भी इन छात्रों के कृत्यों के बारे में अवगत करा कर कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है। वहीं छात्र अभी आईएमएस संस्थान से जुड़े हैं इसलिए अस्पताल में इनको इंटर्नशिप के लिए भेजा गया था। अब आईएमएस के डीन डॉक्टर एस के सिंह तय करेंगे की इन छात्रों पर क्या एकेडमिक एक्शन लिया जायेगा।