बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 8 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो रविवार को 62.28 मीटर तक पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, अगले एक सप्ताह में जलस्तर में करीब 1.29 मीटर और बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। गंगा के बढ़ते पानी का असर घाटों पर साफ दिखने लगा है, जहां कई जगहों पर पानी सीढ़ियों तक पहुंच गया है, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में आए चक्रवाती तूफान और बारिश के कारण नदियों के बहाव में तेज़ी आई है, जिसका असर गंगा पर भी पड़ा है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण हनुमान घाट, वारही घाट और काशी विश्वनाथ धाम से मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाले रास्तों पर आना-जाना मुश्किल हो गया है। प्रशासन की ओर से लगातार पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है, लेकिन पर्यटक फिलहाल इन घाटों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं।
नगर निगम ने हालात से निपटने के लिए 84 घाटों पर सफाई और व्यवस्था सुधारने की मुहिम तेज कर दी है। सिल्ट की सफाई के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। पानी की निकासी के लिए 150 पंप लगाए गए हैं और हर घाट पर 10 मजदूरों की ड्यूटी लगाई गई है। यानी कुल 840 मजदूर दिन-रात काम में जुटे हैं ताकि गंगा आरती और श्रद्धालुओं की आवाजाही में कोई दिक्कत न हो।
प्रशासन ने बताया कि जलस्तर में अभी और मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन किसी खतरे की स्थिति नहीं है। गंगा के जलस्तर की हर घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है और घाटों पर सुरक्षा के लिए गोताखोर और राहतकर्मी भी तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घाटों के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।