बनारस न्यूज डेस्क: इंडिगो एयरलाइंस का संकट लगातार पांच दिन से जस का तस बना हुआ है। शनिवार को भी 15–17 उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। DGCA ने क्रू और पायलट के साप्ताहिक आराम नियमों में थोड़ी ढील दी है, लेकिन इसका असर फिलहाल जमीन पर नहीं दिख रहा। इससे यात्रा करने वालों की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ती जा रही हैं।
उड़ानें नहीं मिलने के कारण यात्रियों को ट्रेनों पर निर्भर होना पड़ रहा है। रेलवे में अचानक वेटिंग तेज़ी से बढ़ी है और लंबी दूरी की बुकिंग भी मुश्किल होने लगी है। यदि ये समस्या जल्दी ठीक नहीं हुई तो पर्यटन सीजन में भारी परेशानी खड़ी हो सकती है। वाराणसी एयरपोर्ट से इंडिगो की कुल 24 उड़ानें संचालित होती हैं, जिनमें से लगभग 22 दैनिक आगमन और प्रस्थान करती हैं। शनिवार को केवल 5 उड़ानें ही आ-जा रही हैं, बाकी रद्द कर दी गईं।
देर रात पुणे की फ्लाइट और सुबह मुंबई की उड़ान रद्द कर दी गई। हालांकि गाजियाबाद, भुवनेश्वर और बेंगलुरु की कुछ उड़ानों के आने की सूचना एयरपोर्ट ने दी है। शुक्रवार की तुलना में भीड़ थोड़ी कम है, क्योंकि अधिकतर यात्रियों ने ऑनलाइन टिकट कैंसिल करा दिए, जिससे ग्राउंड स्टाफ पर बोझ कुछ हल्का हुआ है।
इंडिगो के प्रवक्ता का कहना है कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर विकल्प तलाशे जा रहे हैं और यात्रियों को अपनी उड़ानों की स्थिति लगातार चेक करने की सलाह है। इस पूरे मसले से लोग बेहद परेशान हैं और सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताते हुए सरकार से दखल की मांग भी कर रहे हैं। यात्रियों की चिंता के साथ-साथ यह समस्या स्थानीय व्यापार पर भी असर डालने लगी है, इसलिए इंडिगो के लिए इस संकट से जल्द उभरना बेहद जरूरी हो गया है।