बनारस न्यूज डेस्क: बनारस में दरोगा-अधिवक्ता प्रकरण को लेकर लंबे समय से चल रहा गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया है। सोमवार से अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य शुरू कर दिया। सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन की 11 सदस्यीय कमेटी ने जिला और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की और वहां लिए गए निर्णयों की जानकारी बार सभागार में अधिवक्ताओं को दी। हालांकि कुछ अधिवक्ताओं ने बैठक में असहमति भी जताई, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार तिवारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त ने विवाद का पटाक्षेप करने के लिए मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने और तब तक अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे में कोई गिरफ्तारी या कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया है। बड़ागांव और भेलूपुर थाना क्षेत्र में हुई घटनाओं की भी जांच पर सहमति बनी। इसके बाद प्रेम और सौहार्द के साथ सुचारू रूप से कार्य करने का निर्णय लिया गया और आंदोलन समाप्त करने की घोषणा हुई।
इस बैठक में सेंट्रल बार अध्यक्ष मंगलेश दूबे, महामंत्री राजेश गुप्ता, बनारस बार महामंत्री शशांक श्रीवास्तव समेत कई वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस अपनी सुरक्षा की बात तो कर रही है, लेकिन अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर भी ठोस कदम उठाने चाहिए। अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला ने इस मामले में हाईकोर्ट के नियम पर भी सवाल उठाया और कहा कि हड़ताल न करने के नियम पर पुनर्विचार होना चाहिए।
वहीं, अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देने के लिए कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी भी बनारस पहुंचे। उनके समर्थन पर दोनों बार एसोसिएशनों ने आभार जताया। अधिवक्ताओं का मानना है कि निष्पक्ष जांच और आपसी भरोसे से ही इस विवाद का समाधान संभव है।