वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीबी कांफ्रेंस का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम ने हर-हर महादेव से अपना संबोधन शुरु किया। उन्होंने कहा किमेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' काशी में हो रही है। सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं। काशी नगरी शाश्वत धरा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी है।
पीएम ने कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है, TB जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।
पीएम ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है। जैसे, जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल और अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया और योग जैसे अभियान। इस अभियान के बाद करीब-करीब 10 लाख TB मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने गोद लिया है।
पीएम ने कहा कि TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People's Participation, जनभागीदारी। हमने 'TB मुक्त भारत' के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से 'नि-क्षय मित्र' बनने का आह्वान किया था। इ उन्होंने आगे कहा कि TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People's Participation, जनभागीदारी। हमने 'TB मुक्त भारत' के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से 'नि-क्षय मित्र' बनने का आह्वान किया था। इस अभियान के बाद करीब-करीब 10 लाख TB मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने Adopt किया है, गोद लिया है। पीएम ने कहा, भारत अब वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। TB खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट वर्ष 2030 है लेकिन भारत वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।