वाराणसी। कमच्छा स्थित प्राचीन श्री बटुक भैरव मंदिर में रविवार को भव्य हरियाली व जल विहार श्रृंगार किया गया। इस साल बाबा ने रजत सिंहासन पर विराजमान होकर अपने बालस्वरूप का दर्शन भक्तों को दिया। बाबा के नयनाभिराम दर्शन के लिए भक्तों सुबह से शुरू हुआ जो अभी भी अनवरत जारी है। सुबह पांच बजे बाबा का पंचामृत स्नान के बाद मंगला आरती हुई। इसी के साथ मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
मंदिर परिसर के बाहर गुफा रूपी मार्ग बनाया गया था। जहां की सज्जा, पक्षी, सांप आदि जीवंतता का अहसास करा रहे थे। तो वहीं गुफा रूपी मुख्यद्वार से ही श्रद्धालुओं को अलौकिक आनंद प्राप्त हो रहा था। कामिनी की पत्तियों, अशोक की पत्तियों, बेला, गेंदे की माला, फल, गुलाब के फूल की माला द्वारा गर्भगृह, मंदिर परिसर एवं आसपास सुंदर सजावट की गई थी।
बाबा के अलौकिक बालस्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों की लंब कतार लगी है। रात नौ बजे बाबा की महाआरती होगी। इस दौरान 1008 बत्ती वाले दीपदान एवं सवा किलो कपूर इस्तेमाल होगा। महाआरती के दौरान 51 भक्त डमरू बजाएंगे।