बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के कैथी गांव में गुरुवार को मारकंडेय महादेव धाम मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान तनाव की स्थिति बन गई। प्रशासन ने कई मकानों पर बुलडोजर चलाया, जिस पर ग्रामीणों ने उचित मुआवजा न मिलने का आरोप लगाते हुए विरोध किया।
ग्रामीणों का विरोध: हाईवे तिराहे से मारकंडेय धाम तक सड़क चौड़ीकरण के तहत प्रशासन ने अचानक तोड़फोड़ शुरू कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि जिन भवनों पर पहले नोटिस जारी था और कार्रवाई स्थगित थी, उन्हें अब बिना मुआवजा दिए गिराया जा रहा है। गांधी आश्रम से प्राथमिक विद्यालय तक के मकानों का मुआवजा दिया जा चुका है, लेकिन प्राथमिक विद्यालय से मंदिर तक के भवन स्वामियों को अब तक भुगतान नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि उनके पास जमीन और घरौनी सहित सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं, फिर भी उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया।
मुख्य प्रभावित लोग: मुआवजा न पाने वाले ग्रामीणों में दीनदयाल गिरी, संजय गिरी, रामभरोस गिरी, सुरेश यादव, नितेश यादव, तारकेश्वर नाथ पांडे, रामलोचन सिंह, उदय सिंह, दिनेश सिंह, महेंद्र सिंह, मंगल यादव, प्रभाकर यादव, बनारसी गिरी, रमेश गिरी, नरेश गिरी, साजन गिरी, सर्वेश यादव, संजय यादव, रसूल मियां, ईशा अहमद, चंपक यादव, प्रकाश यादव, सीताराम यादव, काशीनाथ यादव और पूजन यादव सहित कई अन्य लोग शामिल हैं। महेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से कुछ समय देने की गुहार लगाई थी, लेकिन बिना सुनवाई उनके मकान गिरा दिए गए।
प्रशासन का पक्ष: पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ए.के. सिंह ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। जिन भवनों का मुआवजा स्वीकृत था, उसका भुगतान पहले ही हो चुका है। बाकी मामलों में जांच जारी है और रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई होगी। कैथी चौकी इंचार्ज अनिल कुमार ने बताया कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था और विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से नियंत्रित किया गया।
सड़क चौड़ीकरण का काम छह माह से रुका हुआ था, लेकिन अब इसे तेज गति से शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि निर्माण पूरा होने पर आवागमन सुचारु होगा, लेकिन जिनके मकान टूटे हैं, उनके लिए यह काम राहत नहीं बल्कि परेशानी का कारण बन गया है।