बनारस न्यूज डेस्क: बनारस से नेपाल तक की यात्रा अब और आसान होने वाली है। वाराणसी से नेपाल बॉर्डर की दूरी सिर्फ 5 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इसके लिए वाराणसी से गोरखपुर तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जबकि गोरखपुर से सोनौली बॉर्डर तक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस नए इंफ्रास्ट्रक्चर से यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी और सफर का समय भी घटेगा।
पूर्वांचल में यह सड़क परियोजना दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। यह न केवल गोरखपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोड़ेगी, बल्कि गोरखपुर से सोनौली बॉर्डर तक भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इसके बनने से वाराणसी और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय घटकर 2 से ढाई घंटे रह जाएगा, जिससे आम जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।
NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी एसके आर्या ने जानकारी दी कि बनारस-गोरखपुर फोरलेन प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में घाघरा नदी पर एक पुल का निर्माण भी शामिल था, जिसकी कुल लंबाई 65 किलोमीटर है और इसे लगभग 1000 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है। इस पुल के दोनों हिस्सों को चालू कर दिया गया है, जिससे बनारस और गोरखपुर के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है।
गोरखपुर से सोनौली तक 80 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण भी जारी है, जिसकी अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के तहत नेपाल तक सीधी सड़क सुविधा दी जाएगी, जिससे वाराणसी से नेपाल की यात्रा मात्र 5 घंटे में पूरी हो सकेगी। NHAI का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक इसे नेशनल हाईवे के रूप में शुरू कर दिया जाए। फिलहाल इस मार्ग से नेपाल जाने में 7 घंटे से अधिक का समय लगता है, लेकिन इस हाईवे के चालू होते ही यह यात्रा और सुगम हो जाएगी।