बनारस न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की वाराणसी जिला कोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका इस साल उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान सिख समुदाय के बारे में कथित ‘भड़काऊ’ टिप्पणियों को लेकर दायर की गई थी। अदालत ने कहा कि आवेदक ने केवल आशंका व्यक्त की थी कि खालिस्तानी आतंकवादी गांधी के भाषण का इस्तेमाल हिंसा और दुष्प्रचार के लिए कर सकते हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया।
याचिका में नागेश्वर मिश्रा और अन्य ने दावा किया था कि गांधी के बयान लोगों को उनके राजनीतिक हितों के लिए उकसाने वाले थे और इससे भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने गांधी के कथनों की पुष्टि की थी। आवेदकों ने राहुल गांधी की टिप्पणियों की तुलना 2019 के दिल्ली रामलीला मैदान के भाषण और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शनों से की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसके कारण देश में हिंसा और दंगे हुए थे।
अदालत ने सभी दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि सिर्फ आशंका और संदर्भ आधारित तुलना किसी अपराध के लिए पर्याप्त नहीं है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि याचिका में कोई भी ठोस घटना या प्रमाण नहीं था जो FIR दर्ज करने की मांग को उचित ठहराता।
इस फैसले से साफ हो गया कि अदालत ने बिना ठोस सबूत के राजनीतिक टिप्पणी या बयान को भड़काऊ मानकर FIR दर्ज करने की मांग को मान्यता नहीं दी।