एशिया कप 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। टूर्नामेंट की शुरुआत 9 सितंबर से होने जा रही है, और भारत सहित पूरे एशिया की निगाहें इस महा मुकाबले पर टिक चुकी हैं। हालांकि BCCI ने अब तक भारतीय टीम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कई खिलाड़ियों ने अपने हालिया प्रदर्शन से टीम इंडिया में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है।
सबसे दिलचस्प मुकाबला फिलहाल सलामी बल्लेबाज के स्लॉट को लेकर है, जहां दो युवा सितारे – शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल – आमने-सामने हैं। दोनों ही बल्लेबाज बेहतरीन फॉर्म में हैं, लेकिन सवाल यह है कि कप्तान और चयनकर्ता किसे प्राथमिकता देंगे?
आकाश चोपड़ा की राय: यशस्वी का पलड़ा भारी
पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने इस बहस में अपनी राय दी है। अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि टी20 के आंकड़ों और टीम की मौजूदा रणनीति को देखते हुए यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल से थोड़ा आगे हैं।
उनके अनुसार,
“यशस्वी जिस आक्रामक अंदाज में टी20 क्रिकेट खेलते हैं, वह टीम इंडिया के मौजूदा डीएनए से मेल खाता है। दूसरी ओर शुभमन गिल का खेल थोड़ा धीमा और क्लासिकल है, जो टेस्ट और वनडे के लिए तो उपयुक्त है, लेकिन टी20 में पहले 6 ओवरों में अटैक की जरूरत होती है।”
चोपड़ा ने यह भी कहा कि अगर शुभमन गिल को तीसरे ओपनर के रूप में टीम में शामिल किया जाए और फिर उन्हें बेंच पर बैठना पड़े, तो यह न ही खिलाड़ी के आत्मविश्वास के लिए सही होगा और न ही टीम के माहौल के लिए।
शुभमन गिल बनाम यशस्वी जायसवाल: आंकड़े क्या कहते हैं?
शुभमन गिल:
यशस्वी जायसवाल:
यह साफ है कि यशस्वी पावरप्ले में अधिक असरदार हैं और टीम को तेज शुरुआत देने की क्षमता रखते हैं। वहीं गिल की ताकत लंबी पारी और क्लासिकल बल्लेबाजी में है।
संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा भी रेस में
एशिया कप 2025 के लिए केवल ओपनिंग जोड़ी ही नहीं, बल्कि मध्यक्रम को लेकर भी काफी माथापच्ची चल रही है। संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा भी टी20 विश्व कप 2024 के बाद अच्छा प्रदर्शन करके सेलेक्शन कमेटी का ध्यान खींच चुके हैं।
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अभिषेक शर्मा: बाएं हाथ का ओपनर जो पावरप्ले में तूफानी बल्लेबाजी करता है। टी20 में स्ट्राइक रेट 160+
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संजू सैमसन: एक एक्सप्लोसिव विकेटकीपर-बल्लेबाज जो शीर्ष क्रम में अधिक सहज महसूस करता है। लेकिन टीम में उनकी भूमिका अभी तय नहीं है।
आकाश चोपड़ा ने संजू को लेकर भी चिंता जताई:
“संजू को आप मध्यक्रम में खिलाएंगे तो उनका प्रभाव वैसा नहीं दिखेगा। उन्हें ऊपर खेलने की जरूरत है, लेकिन ओपनिंग की जगह पहले से ही दो-तीन दावेदारों से भरी है। ऐसे में चयनकर्ताओं को सटीक निर्णय लेना होगा।”
टीम मैनेजमेंट के सामने बड़ी चुनौती
भारत के पास फिलहाल कई प्रतिभावान ओपनर्स हैं:
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रोहित शर्मा (यदि खेलते हैं)
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यशस्वी जायसवाल
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शुभमन गिल
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अभिषेक शर्मा
इनमें से किसे ओपनिंग के लिए चुना जाए और किसे बाहर बैठाया जाए, यह टीम मैनेजमेंट के लिए एक "लग्जरी समस्या" है।
अगर टीम आक्रामक ब्रांड क्रिकेट को अपनाना चाहती है, जैसा कि इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया करते हैं, तो यशस्वी और अभिषेक जैसे बल्लेबाजों को वरीयता दी जा सकती है। वहीं, अगर अनुभव और संतुलन की ओर झुकाव होगा, तो गिल जैसे खिलाड़ी को प्राथमिकता मिल सकती है।
सेलेक्टर्स के लिए अग्निपरीक्षा
सेलेक्शन कमेटी के सामने यह तय करने की चुनौती है कि:
BCCI के चयनकर्ता शायद सीनियर खिलाड़ियों को आराम देकर, एशिया कप को युवा खिलाड़ियों के लिए मंच बना सकते हैं। इसमें गिल, यशस्वी, अभिषेक, संजू, तिलक वर्मा और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता है।
निष्कर्ष: किसका होगा पलड़ा भारी?
आकाश चोपड़ा की राय में यशस्वी जायसवाल फिलहाल शुभमन गिल से आगे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय परिस्थितियों, संयोजन और रणनीति पर निर्भर करेगा। भारत के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अब यह देखना रोचक होगा कि चयनकर्ता इस बहस का अंत किस खिलाड़ी को प्राथमिकता देकर करते हैं।
एशिया कप 2025 सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि 2026 T20 वर्ल्ड कप की टीम तैयार करने की प्रयोगशाला भी साबित हो सकता है।