19 जुलाई 2025 की सुबह कई देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में चिंता और दहशत फैल गई। भारत में उत्तराखंड के चमोली जिले में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। इसके अलावा म्यांमार और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) और अन्य भूकंप निगरानी एजेंसियों ने इस बारे में जानकारी दी है। आइए विस्तार से जानते हैं इस दिन आए भूकंप और उनके प्रभाव के बारे में।
उत्तराखंड में भूकंप का झटका
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, शनिवार तड़के उत्तराखंड के चमोली जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 3.3 रिक्टर स्केल पर मापी गई। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर रही। हालांकि इस भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है।
इससे पहले 8 जुलाई को भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दिन भूकंप की तीव्रता 3.2 रही थी और यह झटका दोपहर 1:07 बजे आया था, जिसकी गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी। चमोली और उत्तरकाशी के भूकंप से यह साफ है कि हिमालयी क्षेत्र में अभी भी भूगर्भीय गतिविधियां जारी हैं। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है, इसलिए सरकार और प्रशासन सतर्क हैं।
अफगानिस्तान में दो भूकंप के झटके
अफगानिस्तान में भी शनिवार की सुबह दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहला झटका सुबह 1:26 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.2 रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई। इसके बाद 2:11 बजे एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.0 थी। लगातार दो झटकों ने वहां के लोगों में भय और चिंता पैदा कर दी।
हालांकि अफगानिस्तान के भूकंप क्षेत्र में अक्सर हल्के से मध्यम तीव्रता के झटके आते रहते हैं, पर लगातार झटकों से वहां के निवासियों का मनोबल प्रभावित होता है। फिलहाल अफगान प्रशासन ने कोई बड़ा नुकसान या तबाही होने की सूचना नहीं दी है, लेकिन ऐसे झटकों के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत बनी हुई है।
म्यांमार में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके
म्यांमार में भूकंप का झटका शनिवार तड़के 3 बजकर 26 मिनट पर महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 3.7 रिक्टर स्केल पर मापी गई और इसकी गहराई लगभग 105 किलोमीटर थी। यह लगातार दूसरे दिन म्यांमार में भूकंप के झटके हैं।
म्यांमार में एक दिन पहले यानी शुक्रवार को भी 4.8 तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस किया गया था, जिसकी गहराई 80 किलोमीटर थी। म्यांमार के भूकंप क्षेत्र में सक्रिय होने से वहां के स्थानीय लोग और प्रशासन सतर्क हैं।
भूगर्भीय सक्रियता पर नजर
हिमालय क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियां और भूकंप किसी नए विषय नहीं हैं। पर्वतीय क्षेत्र के कारण भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि इलाकों में छोटे-मोटे भूकंप आते रहते हैं। लेकिन समय-समय पर भूकंप की तीव्रता बढ़ने पर प्रशासन और वैज्ञानिक सतर्क हो जाते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) लगातार भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के आंकड़े इकट्ठा करता रहता है ताकि समय रहते चेतावनी जारी की जा सके। उन्होंने लोगों से कहा है कि वे भूकंप की स्थिति को गंभीरता से लें और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें।
सुरक्षा के लिए क्या करें?
भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
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यदि आप अंदर हैं तो टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं।
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खिड़कियों से दूर रहें ताकि टूटे कांच से चोट न लगे।
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यदि बाहर हैं तो खुली जगह पर जाएं, जहाँ ऊपर से कोई वस्तु गिरने का खतरा न हो।
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जल्दी में लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
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भूकंप के बाद भी किसी भवन में न जाएं जब तक कि वह सुरक्षित घोषित न हो।
निष्कर्ष
19 जुलाई 2025 की सुबह आए भूकंप के झटकों ने भारत के साथ-साथ म्यांमार और अफगानिस्तान के लोगों को भी प्रभावित किया। भूकंप की तीव्रता जहां हल्की से मध्यम रही, वहीं यह याद दिलाती है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क और तैयार रहना चाहिए। उत्तराखंड, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसी भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय-समय पर भूकंप सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।
सरकार और वैज्ञानिक संस्थान लगातार इन घटनाओं पर नजर रख रहे हैं ताकि भविष्य में बड़े भूकंप से होने वाली आपदाओं को रोका जा सके। आम नागरिकों को भी प्राकृतिक आपदाओं के लिए स्वयं को तैयार रखना आवश्यक है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में जान-माल का नुकसान कम किया जा सके