मुंबई, 04 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जापान में पहली बार महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची को नया अध्यक्ष चुन लिया है। जापान की संसदीय परंपरा के अनुसार जिस पार्टी के पास बहुमत होता है, उसका अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री बनता है। ऐसे में ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। ताकाइची, जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं और राजनीतिक रूप से उनके विचारों से मेल खाती हैं। उन्हें चीन विरोधी नेता के तौर पर देखा जाता है। ताकाइची पुरुष सम्राट व्यवस्था की समर्थक हैं और महिला शासक के विचार का विरोध करती रही हैं। उन्होंने 2004 में सांसद ताकू यामामोटो से शादी की थी, हालांकि 2017 में मतभेदों के चलते दोनों अलग हो गए थे। इसके बाद 2021 में वे फिर से साथ आ गए।
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हुए मुकाबले में ताकाइची ने पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के बेटे और मौजूदा कृषि मंत्री को हराकर जीत दर्ज की। चुनाव के पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जिसके बाद दूसरे चरण में ताकाइची ने 185 वोट हासिल किए जबकि कोइजुमी को 156 वोट मिले। ताकाइची ने जीत के बाद कहा कि वे उत्साहित होने के बजाय आने वाली चुनौतियों के बारे में सोच रही हैं। वह वर्तमान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की जगह लेंगी। इशिबा के नेतृत्व में जुलाई में हुए ऊपरी सदन के चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उनके खिलाफ पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ गई थी। ऐसे समय में LDP को उम्मीद है कि ताकाइची नेतृत्व संभालकर जनता का भरोसा दोबारा जीत सकेंगी। नीति के स्तर पर ताकाइची कई बार विवादों में भी रही हैं।
वे ट्रम्प प्रशासन के साथ हुई हालिया ट्रेड डील का विरोध कर चुकी हैं। उनका कहना है कि इस समझौते पर दोबारा बातचीत होनी चाहिए। इस डील के तहत जापान ने अमेरिका में 550 अरब डॉलर निवेश का वादा किया था। ताकाइची समलैंगिक विवाह और पति-पत्नी को अलग उपनाम रखने के प्रावधान की भी विरोधी रही हैं। उनका मानना है कि इससे परिवार व्यवस्था कमजोर होती है। साथ ही वे विदेशियों के प्रवेश पर कड़े नियमों की पक्षधर हैं और गैरकानूनी प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करती रही हैं।