मुंबई, 04 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पांच दिनों से जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन आखिरकार शनिवार को समाप्त हो गए। पाकिस्तान सरकार और जम्मू-कश्मीर जॉइंट आवामी एक्शन कमेटी के बीच समझौते के बाद यह फैसला लिया गया। समझौते में प्रदर्शनकारियों की 38 में से 21 मांगों को मान लिया गया, जिसके बाद आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया गया। इन प्रदर्शनों में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
स्थिति बिगड़ने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल मुजफ्फराबाद भेजा था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री रजा परवेज अशरफ भी शामिल थे। समझौते के अनुसार PoK कैबिनेट का आकार घटाकर 20 से कम मंत्री किया जाएगा और कुछ विभागों का विलय कर प्रशासनिक ढांचे को सरल बनाया जाएगा। नीलम वैली में दो नई सुरंगों के अध्ययन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और मीरपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की योजना भी शामिल की गई है।
समझौते में यह भी तय हुआ कि हर जिले के अस्पताल में MRI और CT स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी और 15 दिनों के भीतर सभी नागरिकों को हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपए दिए जाएंगे। इन फैसलों को लागू करने के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाएगी। साथ ही हिंसा के दोषियों पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कार्रवाई और न्यायिक जांच होगी।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों को सरकारी कर्मचारियों के बराबर मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। घायल प्रदर्शनकारियों को आर्थिक मदद मिलेगी। प्रदर्शनकारियों ने इसे अपनी जीत बताया और घोषणा की कि आने वाले तीन दिनों तक मारे गए लोगों की याद में जुलूस निकाले जाएंगे। ये आंदोलन 29 सितंबर को शुरू हुए थे, जब JKJAAC ने सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई पर काबू न पाने का आरोप लगाते हुए विरोध का आह्वान किया था। PoK में पहले भी बिजली दरों, गेहूं सब्सिडी और सरकारी नीतियों को लेकर कई बार बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।