ताजा खबर
ऑस्ट्रेलिया ने स्टूडेंट वीजा के लिए बढ़ाई Saving Requirement, भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर   ||    Major accident averted: लैंड करने से तुरंत पहले फेल हुआ FedEx बोइंग के प्लेन का लैंडिंग गियर   ||    US में जानबूझकर दूसरों को HIV संक्रमित कर रहा था शख्स, अदालत ने सुनाई 30 साल जेल की सजा   ||    CNN की रिपोर्ट: 21वीं सदी में आर्थिक सुपरपावर बनेगा भारत; पीएम मोदी, अंबानी और अडानी बदल रहे तस्वीर   ||    पृथ्वी जैसे नए ग्रह 55 Cancri E की हुई खोज, वैज्ञानिकों ने बताया ‘सुपर अर्थ’   ||    Petrol Diesel Price Today: कहां सस्ता, कहां महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल? जानिए   ||    Energy Mission Machineries कंपनी का आया IPO, इन तीन में अप्लाई करने का आखिरी दिन   ||    वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचार‍ियों पर सख्‍ती, DELL कर रही लोकेशन ट्रैक, नौकरी से न‍िकालने की भी धमकी...   ||    PBKS Vs RCB: मुंबई के बाद प्लेऑफ की रेस से आज दूसरी टीम होगी बाहर, बदल जाएगी प्वाइंट्स टेबल की तस्वी...   ||    IPL 2024: केएल राहुल के सपोर्ट में उतरे फैंस, सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल हो रहे संजीव गोयनका   ||   

क्या है हाइड्रोग्राफिक सर्वे? जिसके जरिए मालदीव ले रहा भारत से पंगा

Photo Source :

Posted On:Saturday, December 16, 2023

मालदीव सरकार ने अपने जल क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए भारत के साथ अपने समझौते पर यू-टर्न ले लिया है। इस समझौते पर 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। अब नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की सरकार ने हाइड्रोग्राफिक सर्वे कराने से इनकार कर दिया है. मुइज़ू ने पहले मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुइज़ू चीन के इशारे पर ऐसा कर रहा है। आइए जानते हैं क्या था हाइड्रोग्राफिक सर्वे समझौता और क्यों मुइज़ू सरकार भारत के खिलाफ काम कर रही है?

हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौता क्या है?

हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण को जल सर्वेक्षण के नाम से भी जाना जाता है। यह काम जहाज द्वारा किया जाता है. इससे जल क्षेत्र से संबंधित मामलों के अध्ययन में सफलता मिलती है। जल निकायों की विशेषताओं को समझने के लिए सोनार जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है।ये सर्वेक्षण पानी की गहराई, समुद्र स्तर और तटरेखा आकार, संभावित अवरोधों और जलाशयों की भौतिक विशेषताओं को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं। भारत और मालदीव के बीच समुद्री परिवहन के क्षेत्र में यह एक बड़ी डील साबित हो रही थी।

इसके तहत तीन साल में अब तक तीन सर्वे हो चुके हैं। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस दर्शक ने पहला संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किया।अब तक 944 वर्ग किमी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया। गौरतलब है कि इनमें से कुछ क्षेत्रों का आखिरी बार सर्वेक्षण 1853 में किया गया था। सर्वेक्षण से पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि आदि में मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मालदीव ने इस पर ब्रेक लगाने का फैसला किया है। इससे पहले भारतीय जहाज मालदीव, केन्या, मॉरीशस, मोजाम्बिक, ओमान, तंजानिया और श्रीलंका में सर्वेक्षण कर चुके हैं।

मालदीव समझौता क्यों ख़त्म करना चाहता है?

दरअसल, नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू को चीन का शुभचिंतक बताया जाता है। उन्होंने अक्टूबर में चुनाव जीतकर 5.21 लाख की आबादी वाले देश की सत्ता संभाली थी. मुइज़ू ने इससे पहले अपने चुनाव प्रचार में 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाया था. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पूर्व अध्यक्ष सोलिह भारत के बड़े समर्थक थे। इस दौरान भारत-मालदीव के रिश्ते काफी अच्छे रहे. हालाँकि, मालदीव पारंपरिक रूप से भारत के प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा रहा है।

दूसरी ओर, चीन आक्रामक तरीके से हिंद महासागर में ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि मालदीव की नई सरकार ये फैसला लेने से पहले भारतीय सेना के योगदान को भूल गई. मालदीव में सेना पहले भी काफी मदद कर चुकी है. वह समुद्र में फंसे लोगों की खोज और बचाव कार्यों में सहायता के लिए जानी जाती हैं। मालदीव के अनुसार, इस तरह का सर्वेक्षण करने से संवेदनशील जानकारी खतरे में पड़ सकती है।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.