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अरुणाचल प्रदेश पर चीन के भड़काऊ बयान का पाकिस्तान ने दिया समर्थन, भारत ने दी कड़ी चेतावनी

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Posted On:Friday, December 5, 2025

आतंकवाद को पनाह देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अविश्वसनीय छवि के लिए बदनाम पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने इरादों की पुष्टि कर दी है। इस बार उसने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के भड़काऊ और विवादित दावे का खुलकर समर्थन किया है। चीन लंबे समय से भारत के इस राज्य पर फर्जी संप्रभुता जताता रहा है, और अब पाकिस्तान ने भी उसी सुर में सुर मिलाकर दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ाने की कोशिश की है।

चीन के बयान का पाकिस्तान ने किया समर्थन

इस्लामाबाद ने आधिकारिक रूप से बयान जारी कर कहा—
“हमने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के बयान पर गौर किया है। पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मामलों में चीन को निरंतर समर्थन देता रहेगा।”

दरअसल मामला तब भड़का जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर रोककर हिरासत में ले लिया और उसका पासपोर्ट “अवैध” बताते हुए आगे की यात्रा रोक दी।
यह वही चीन है जो अरुणाचल प्रदेश को जांगनान नाम देकर अपना हिस्सा बताने का दुष्प्रचार सालों से करता आ रहा है। चीनी प्रवक्ता माओ निंग ने फिर वही पुरानी रट दोहराई—“जांगनान हमारा हिस्सा है, हमने भारत द्वारा अवैध कब्जा किए गए अरुणाचल प्रदेश को कभी नहीं माना।”

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया—“अरुणाचल अभिन्न और अविभाज्य अंग”

भारत ने चीन और पाकिस्तान दोनों को स्पष्ट रूप से चेताया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा—“अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। चीन जितना भी इनकार करे, वास्तविकता नहीं बदल सकती। भारत ने यह भी दो टूक कहा कि चीनी अधिकारियों ने हिरासत की कार्रवाई पर कोई कानूनी स्पष्टीकरण नहीं दिया, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा नियमों का सीधा उल्लंघन है।

पुतिन-भारत वार्ता के बीच पाकिस्तान का चीन प्रेम

चौंकाने वाली बात यह है कि यह बयान ऐसे समय में जारी किया गया जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं और दोनों देशों ने संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई का संकल्प दोहराया है।

  • रूस ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर का खुला समर्थन किया था

  • पीएम मोदी और पुतिन ने कश्मीर से लेकर वैश्विक आतंकवाद तक सहयोग पर सहमति जताई

विशेषज्ञ कहते हैं कि पाकिस्तान द्वारा जारी यह बयान राजनयिक विघटन और चीन पर निर्भरता साबित करता है, क्योंकि वह भारत-रूस की नजदीकी को लेकर असहज है।

चीन की मानचित्र राजनीति: 30 हजार नक्शे नष्ट

चीन सिर्फ बयानबाजी नहीं करता, बल्कि नक्शों के जरिए वैश्विक भ्रम फैलाने की भी कोशिश करता रहा है।

  • उसने जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल को अपना हिस्सा दिखाने वाले 30,000 नक्शे नष्ट कर दिए

  • बीआरआई समिट के दौरान अपने ही नक्शों में अरुणाचल और कश्मीर को भारत का क्षेत्र दिखाया था

  • 2018 में चीनी चैनल CGTN ने PoK को पाकिस्तान से अलग दिखाया था

यानी चीन स्वयं अपने दावों में स्थिर नहीं, बल्कि राजनीतिक जरूरत के अनुसार नक्शों का रंग बदलता रहता है।


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