मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन जल्द आमने-सामने हो सकते हैं। ट्रम्प ने कहा है कि वे अपनी एशिया यात्रा को कुछ दिनों के लिए बढ़ा सकते हैं ताकि किम जोंग से मुलाकात हो सके। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बैठक को लेकर अभी कोई औपचारिक योजना तय नहीं हुई है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इस मुलाकात की संभावनाओं पर आंतरिक चर्चा कर रहे हैं। ट्रम्प और किम के बीच पहले भी मुलाकात हो चुकी है। 29 जून 2019 को ट्रम्प ने किम से मिलने का प्रस्ताव रखा था और सिर्फ 24 घंटे के भीतर दोनों नेता दक्षिण कोरिया की सीमा पर मिले थे।
इस बीच, ट्रम्प ने आज जापान के सम्राट नारुहितो से टोक्यो में मुलाकात की। सम्राट से बातचीत के बाद उन्होंने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वे ‘एक महान व्यक्ति’ हैं। छह साल बाद जापान पहुंचे ट्रम्प यहां प्रधानमंत्री साने ताकायची के साथ निवेश और व्यापार को लेकर बातचीत करेंगे। ट्रम्प की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टोक्यो में 18 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उनके रूट पर ट्रैफिक रोक दिया गया है और एयरस्पेस भी बंद कर दिया गया है। यह 2002 के बाद जापान का सबसे बड़ा सुरक्षा अभियान माना जा रहा है। इसकी वजह पिछले कुछ वर्षों में जापान के पूर्व प्रधानमंत्रियों पर हुए हमले भी हैं—2022 में शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या की गई थी और 2023 में फुमियो किशिदा पर विस्फोटक हमला हुआ था।
ट्रम्प के दौरे के दौरान जापान और अमेरिका के बीच 46 लाख करोड़ रुपए के निवेश को लेकर बातचीत होगी। जापान पहले ही इस राशि के निवेश का वादा कर चुका है। यह निवेश मुख्य रूप से अमेरिकी चिप्स, दवाइयों, जहाज निर्माण और ऊर्जा क्षेत्रों में किया जाएगा, जिससे अमेरिका में रोजगार बढ़ने और दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद है। हालांकि टोक्यो में ट्रम्प के खिलाफ विरोध भी देखने को मिला, जहां कई प्रदर्शनकारियों ने ‘ट्रम्प वापस जाओ’ के नारे लगाए।
ट्रम्प और प्रधानमंत्री ताकायची ने दौरे से दो दिन पहले 10 मिनट की फोन बातचीत भी की थी। दोनों नेताओं ने अमेरिका-जापान गठबंधन को मजबूत बनाने का संकल्प दोहराया। ताकायची ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ट्रम्प से बात कर खुशी हुई और उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों की रिहाई के मुद्दे पर भी चर्चा की। जापान दौरे के बाद ट्रम्प दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहां वे एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हो सकती है। ट्रम्प इस मुलाकात के जरिए अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक नया समझौता करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि चीन अमेरिकी सोयाबीन खरीदे, दुर्लभ मिट्टी के खनिजों पर प्रतिबंध हटाए और फेंटेनिल जैसी दवाओं के कच्चे माल पर नियंत्रण रखे। ट्रम्प के एशिया दौरे से पहले अमेरिका और चीन के अधिकारियों ने कुआलालंपुर में वार्ता की थी। दोनों देश चाहते हैं कि अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC सम्मेलन में ट्रम्प और शी जिनपिंग की आमने-सामने मुलाकात हो। इस बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार तनाव को कम करना है। ट्रम्प ने हाल ही में चीन को चेतावनी दी थी कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो 1 नवंबर से चीनी सामानों पर 100% टैक्स लगाया जाएगा। उनका मानना है कि यदि यह डील हो गई, तो यह उनके ‘महान सौदागर’ वाली छवि को और मजबूत करेगी।