आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया सूचना का सबसे तेज़ और प्रभावशाली माध्यम बन गया है। हर दिन लाखों पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें वायरल होती हैं। इनमें से कई जानकारी सही होती हैं, लेकिन कुछ को गलत दावे और भ्रामक तथ्यों के साथ प्रसारित किया जाता है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां यूट्यूब पर वायरल हुए एक वीडियो ने देश भर की महिलाओं और लड़कियों के बीच "फ्री स्कूटी योजना" को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी।
क्या है वायरल वीडियो का दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब चैनल 'Techayasfacts' के एक शॉर्ट वीडियो में यह दावा किया गया कि भारत सरकार सभी महिलाओं और बेटियों को मुफ्त स्कूटी दे रही है। वीडियो में यह भी बताया गया कि इसके लिए कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करना होगा और फिर लाभार्थी को स्कूटी मिल जाएगी।
यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है और लाखों लोग इस पर विश्वास कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इस दावे को लेकर लोग काफी उत्साहित दिखे।
फैक्ट चेक में निकली सच्चाई
इस वायरल दावे की जांच प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा की गई। PIB भारत सरकार का आधिकारिक संचार एजेंसी है जो अफवाहों, फर्जी खबरों और भ्रामक दावों की सत्यता की पुष्टि करती है।
PIB Fact Check ने इस वीडियो की जांच के बाद साफ किया कि
“भारत सरकार द्वारा महिलाओं और बेटियों को मुफ्त स्कूटी देने की कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। यह दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है।”
लोगों को किया गया सावधान
PIB ने अपने सोशल मीडिया चैनल्स और आधिकारिक वेबसाइट पर लोगों से अपील की है कि:
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इस तरह की झूठी सूचनाओं पर विश्वास न करें।
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बिना सत्यापन किसी भी वीडियो, मैसेज या पोस्ट को फॉरवर्ड या शेयर न करें।
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ऐसी अफवाहें समाज में भ्रम और अफरा-तफरी पैदा करती हैं।
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किसी भी सरकारी योजना के बारे में जानकारी के लिए सिर्फ संबंधित मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय सरकारी पोर्टल्स जैसे https://www.mygov.in या https://pib.gov.in पर जाएं।
सोशल मीडिया यूज़र्स की ज़िम्मेदारी
सोशल मीडिया जितना शक्तिशाली है, उतना ही जिम्मेदार इस्तेमाल की भी मांग करता है। दुर्भाग्य से कई बार यूट्यूब चैनल्स, फेसबुक पेज, या व्हाट्सएप ग्रुप्स सिर्फ व्यूज़, लाइक और शेयर पाने के लिए फर्जी या अधूरी जानकारी फैलाते हैं।
इस मामले में भी यही हुआ। फर्जी स्कीम का लालच देकर महिलाओं को भ्रमित किया गया। इससे न सिर्फ जनता की भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचता है।
पहचानें फर्जी वीडियो की विशेषताएं
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सरकारी योजनाओं में आवेदन की प्रक्रिया हमेशा स्पष्ट और सार्वजनिक होती है।
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अगर किसी योजना की जानकारी आपको केवल यूट्यूब वीडियो या वायरल मैसेज से मिल रही है और सरकारी पोर्टल पर उसका कोई ज़िक्र नहीं है, तो वह फर्जी हो सकती है।
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असली सरकारी योजनाओं में हमेशा योजना की शुरुआत की तिथि, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया और संबंधित मंत्रालय की जानकारी दी जाती है।
निष्कर्ष
फ्री स्कूटी योजना का वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है। भारत सरकार ने ऐसी कोई योजना लॉन्च नहीं की है। PIB ने इसकी पुष्टि कर दी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
सोशल मीडिया पर सक्रिय हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह जानकारी को तथ्यों के आधार पर परखे, न कि भावनाओं या लालच के आधार पर। याद रखें, सही जानकारी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
फवाहों से दूर रहें, जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।