ल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए जा रहे हैं। अब कथित आतंकी शाहीन (डॉ. शाहीन शाहिद) की ब्रेज़ा कार को लेकर एक नया तथ्य सामने आया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, शाहीन ने अपनी ब्रेज़ा कार धमाके से महज दो महीने पहले, यानी 25 सितंबर को खरीदी थी।
ब्रेज़ा कार खरीदते समय का एक फोटो भी सामने आया है, जिसमें शाहीन को एक अन्य संदिग्ध, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई के साथ देखा गया है। फोटो में शाहीन और मुजम्मिल के पास खाने के डिब्बे हैं, जो देखने में मिठाई के लग रहे हैं। शाहीन का डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई से कथित प्रेम संबंध बताया जा रहा है। मुजम्मिल एक कश्मीरी डॉक्टर हैं, जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। इन दोनों का रिश्ता जांच के केंद्र में है, क्योंकि दोनों पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने का आरोप है।
यूनवर्सिटी प्रोफेसर से आतंकी शाहीन तक का सफर
डॉ. शाहीन शाहिद (उम्र लगभग 40 वर्ष) पहले एक मेडिकल लेक्चरर थीं, जो लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं। यह प्रोफाइल उनकी संदिग्ध गतिविधियों के बिल्कुल विपरीत है।
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आतंकी आरोप: शाहीन पर आरोप है कि वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के महिला विंग (महिलाओं के संगठन) की भारतीय शाखा की कमांडर थी और संगठन के लिए महिलाओं को रिक्रूट (भर्ती) करती थी।
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हैंडलर: कहा जा रहा है कि शाहीन, JeM सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया के निर्देश पर काम कर रही थी।
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गिरफ्तारी: शाहीन को 11 नवंबर 2025 को जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उनकी ब्रेज़ा कार से एक AK-47 राइफल बरामद हुई थी, जो उनके खतरनाक मंसूबों की ओर इशारा करती है।
मुजम्मिल से शाहीन का संबंध: 'व्हाइट कॉलर' मॉड्यूल
शाहीन का डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई से कथित प्रेम संबंध था। मुजम्मिल भी कश्मीर के रहने वाले डॉक्टर हैं और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे।
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मॉड्यूल प्रमुख: मुजम्मिल को JeM के 'व्हाइट कॉलर मॉड्यूल' का प्रमुख सदस्य बताया जाता है। 'व्हाइट कॉलर' का मतलब है कि वे पढ़े-लिखे पेशेवर हैं जो उच्च पदों पर रहकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते थे।
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गतिविधियाँ: आरोप है कि मुजम्मिल फिदायीन (आत्मघाती) हमलों की प्लानिंग करते थे और अपनी तुर्की यात्रा के दौरान अपने हैंडलर्स से मिले थे।
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गिरफ्तारी: मुजम्मिल को शाहीन से एक दिन पहले, 10 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली ब्लास्ट और NIA की जांच
दिल्ली ब्लास्ट की घटना 10 नवंबर को शाम करीब 6:52 बजे दिल्ली के लाल किले के पास हुई थी, जब एक I20 कार में एक धमाका हुआ।
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हताहत: इस धमाके में कम से कम 13 मौतें हुईं और 20-25 लोग घायल हुए थे।
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प्रकृति: NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने इसे एक फिदायीन हमला बताया है, जिसे डॉ. उमर नामक व्यक्ति ने अंजाम दिया।
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विस्फोटक: प्रारंभिक फॉरेंसिक जांच में विस्फोट का कारण अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) और अन्य हाई-एक्सप्लोसिव बताया गया है, जो हमले की गंभीरता को दर्शाता है।
सुरक्षा एजेंसियां अब इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल सभी संदिग्धों को पकड़ने और उनके पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में लगी हुई हैं। शाहीन और मुजम्मिल का 'व्हाइट कॉलर' कनेक्शन यह दर्शाता है कि आतंकी संगठन किस तरह से पढ़े-लिखे और स्थापित लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं।