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छतों पर जल रही चिताएं… बाढ़ में डूबा काशी का मणिकर्णिका घाट

Photo Source : Google

Posted On:Monday, July 21, 2025

बनारस न्यूज डेस्क: काशी में गंगा इस बार अपने रौद्र रूप में बह रही है। मोक्षदायिनी कही जाने वाली गंगा की बाढ़ ने मणिकर्णिका घाट को पूरी तरह जलमग्न कर दिया है। जिस घाट पर चिताएं सदियों से जलती आ रही थीं, वहां अब पानी का कब्जा है। मजबूरन शवदाह अब घाट की छतों पर किया जा रहा है और शवयात्राएं भी कमरभर पानी में होकर गुजर रही हैं।

मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार को मोक्ष का मार्ग माना जाता है, मगर इस बार बाढ़ ने श्रद्धा और आस्था दोनों को कठिन परीक्षा में डाल दिया है। घाट पर जलती चिताएं, अब छतों तक सिमट गई हैं। शवदाह के लिए जरूरी लकड़ी बेचने वाले व्यापारी भी परेशान हैं क्योंकि उनकी दुकानें भी गंगा में समा चुकी हैं। घाट के पुजारी और पंडे खाली बैठे हैं क्योंकि श्रद्धालु घाटों तक पहुंच ही नहीं पा रहे।

विदेशी पर्यटक भी मायूस होकर लौट रहे हैं। साउथ कोरिया से आईं सैलानी सिंहे और मिनी जियांग ने कहा कि वे गंगा आरती देखने आई थीं, लेकिन बाढ़ ने उनका सपना अधूरा छोड़ दिया। फिर भी उनका कहना है कि वे एक बार फिर काशी लौटेंगी। घाटों का सन्नाटा, उफनती गंगा और छतों पर जलती चिताएं इस समय काशी की पीड़ा को बयां कर रही हैं।

इस बाढ़ ने सिर्फ घाटों को ही नहीं, बल्कि काशी की आस्था और जीवनशैली को भी गहरे झकझोर दिया है। यहां श्रद्धा और त्रासदी एक साथ बह रही हैं, और हर कोई बस यही प्रार्थना कर रहा है कि मां गंगा जल्द अपने शांत स्वरूप में लौट आएं।


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