वॉशिंगटन/बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चली आ रही तल्खी में नरमी के संकेत मिले हैं। बीते दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर हुई सीधी बातचीत से दोनों देशों के रिश्तों में स्थिरता आने की उम्मीद जगी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद अपने ट्रुथ सोशल (Truth Social) अकाउंट पर पोस्ट लिखकर इस बेहद सकारात्मक बातचीत की जानकारी दी, जिसमें कई अहम और संवेदनशील वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। यह टेलीफोनिक बातचीत तीन हफ़्ते पहले दक्षिण कोरिया में हुई दोनों राष्ट्राध्यक्षों की सफल बैठक के बाद हुई है, जो द्विपक्षीय संबंधों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन प्रमुख मुद्दों पर हुई चर्चा
ट्रंप और शी जिनपिंग ने कई महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और आर्थिक विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया:
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ताइवान संघर्ष: ताइवान को लेकर दोनों महाशक्तियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा हुई, जिसमें संबंधों में स्थिरता बनाए रखने के तरीकों पर बल दिया गया।
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यूक्रेन-रूस युद्ध: वैश्विक स्थिरता के लिए चिंता का विषय बने इस युद्ध को लेकर भी दोनों नेताओं ने संवाद किया। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में इसका उल्लेख किया।
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व्यापार समझौते: दोनों देशों के बीच व्यापार समझौतों को 'वर्तमान और सटीक बनाए रखने' में उल्लेखनीय प्रगति की बात कही गई है।
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फेंटेनाइल की तस्करी: अमेरिका में जानलेवा साबित हो रहे सिंथेटिक ओपियोइड फेंटेनाइल की तस्करी पर रोक लगाने के लिए चीन के सहयोग पर चर्चा हुई।
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कृषि उत्पादों का निर्यात: ट्रंप ने विशेष रूप से अमेरिकी किसानों के हित में एक "बहुत महत्वपूर्ण समझौता" किए जाने की बात कही। उन्होंने सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात पर हुई सकारात्मक सहमति पर जोर दिया।
दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने निमंत्रण स्वीकार किए
बातचीत का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देश आने का निमंत्रण स्वीकार किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का अप्रैल 2026 में बीजिंग आने का निमंत्रण तुरंत स्वीकार कर लिया है। ट्रंप ने कहा कि वह अपनी टीम के साथ चीन की राजधानी का दौरा करेंगे। इसके साथ ही, ट्रंप ने शी जिनपिंग को भी अमेरिका आने का निमंत्रण दिया, जिसे चीनी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। शी जिनपिंग इस साल के आखिर में अमेरिका के राजकीय दौरे पर आएंगे। दोनों नेताओं ने नियमित रूप से संवाद करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है और इसे जारी रखने का संकल्प लिया है।
चीन का विदेश मंत्रालय सकारात्मक
चीन के विदेश मंत्रालय ने भी दोनों राष्ट्रपतियों के बीच हुई इस बातचीत को सकारात्मक बताया है। चीन ने कहा कि दोनों देश संबंधों में स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं और रचनात्मक संवाद के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। यह टिप्पणी इस बात का संकेत देती है कि दोनों पक्ष अब टकराव की बजाय सह-अस्तित्व की नीति पर आगे बढ़ना चाहते हैं।
ट्रंप की ट्रुथ सोशल पोस्ट: "हमारे संबंध बेहद मजबूत हैं"
फोन पर बातचीत खत्म होने के तुरंत बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट लिखकर इस सफलता को सार्वजनिक किया:
"मेरी अभी-अभी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक बहुत ही अच्छी टेलीफोनिक बातचीत हुई। यूक्रेन/रूस, फेंटेनाइल, सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पादों सहित कई विषयों पर चर्चा हुई। किसानों के लिए एक अच्छा और बहुत महत्वपूर्ण समझौता किया है। चीन के साथ हमारे संबंध बेहद मजबूत हैं।"
"यह बातचीत तीन हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया में हुई बेहद सफल बैठक के बाद हुई। दोनों पक्षों ने अपने समझौतों को वर्तमान और सटीक बनाए रखने में उल्लेखनीय प्रगति की है।"
"राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अप्रैल में बीजिंग आने का निमंत्रण दिया, जिसे स्वीकार कर लिया है। इस साल के आखिर में वे अमेरिका में राजकीय दौरे पर आएंगे। इस बात पर सहमति बनी है कि नियमित रूप से संवाद करना जरूरी है और करते रहेंगे।"
ट्रंप की इस पोस्ट ने वैश्विक बाजार और राजनीतिक गलियारों में तुरंत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यह संवाद यह दर्शाता है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ और सैन्य शक्तियाँ, जटिल वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, साझा हितों पर काम करने और सीधे संवाद के माध्यम से गलतफहमियों को दूर करने के लिए तैयार हैं।