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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, पेंशन प्लान में बदलाव, UPS पर मिलेगा NPS जैसा फायदा

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Posted On:Monday, July 7, 2025

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर एक अहम निर्णय लेते हुए सरकार ने घोषणा की है कि अब इस स्कीम को चुनने वाले कर्मचारियों को भी वही टैक्स बेनिफिट्स मिलेंगे, जो अभी तक केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत मिलते थे। इतना ही नहीं, सरकार ने इस विकल्प को चुनने की समयसीमा भी 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी है।

यह निर्णय न केवल सेवारत कर्मचारियों, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों और मृतक पेंशनरों के जीवनसाथियों को भी UPS चुनने का अवसर देता है। यह बदलाव न केवल UPS को अधिक आकर्षक बनाता है, बल्कि कर्मचारियों को स्थायी और सुनिश्चित पेंशन की दिशा में एक भरोसेमंद विकल्प भी प्रदान करता है।


UPS स्कीम क्या है?

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से लागू किया है, जो एनपीएस का एक वैकल्पिक विकल्प है। यह स्कीम उन सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई है जो स्थायित्व और गारंटीड पेंशन चाहते हैं। UPS के तहत:

  • सरकार 18.5% योगदान करती है (बेसिक पे + डीए पर)

  • कर्मचारी को 10% योगदान देना होता है

  • रिटायरमेंट के बाद फिक्स और गारंटीड पेंशन सुनिश्चित की जाती है

  • यह स्कीम लाभ आधारित (Defined Benefit) मॉडल पर काम करती है

NPS के विपरीत, जिसमें रिटर्न मार्केट पर निर्भर करता है, UPS स्थिर और पारंपरिक पेंशन स्कीम मानी जाती है।


NPS से UPS में स्विच: मिलेगा एक बार का मौका

फिलहाल जो कर्मचारी NPS के तहत रजिस्टर्ड हैं, उन्हें एक बार का विकल्प दिया जा रहा है कि वे UPS को चुन सकते हैं।

हालांकि यह बदलाव स्वैच्छिक है, यानी कर्मचारी अपनी इच्छा से UPS चुन सकते हैं। सरकार ने साफ किया है कि यह एक बार का मौका है, इसलिए 30 सितंबर 2025 से पहले फैसला लेना जरूरी होगा।


टैक्स छूट अब UPS पर भी

NPS के तहत मिलने वाली सभी टैक्स छूट और रियायतें अब UPS पर भी लागू होंगी। इसमें शामिल हैं:

  • TDS में छूट

  • धारा 80C और 80CCD(1B) के तहत टैक्स डिडक्शन

  • रिटायरमेंट के समय मिलने वाली रकम पर आंशिक टैक्स छूट

इससे UPS और NPS के बीच टैक्स के लिहाज से कोई अंतर नहीं रह गया है, जिससे कर्मचारियों को दोनों योजनाओं में से सही चुनाव करने में आसानी होगी।


UPS क्यों है बेहतर विकल्प?

  1. गैर-जोखिम आधारित योजना: मार्केट से जुड़ी अस्थिरता का कोई खतरा नहीं

  2. सरकार का उच्च योगदान (18.5%)

  3. रिटायरमेंट के बाद फिक्स इनकम की गारंटी

  4. अब टैक्स बेनिफिट्स भी शामिल

  5. मृतक पेंशनरों के परिजनों को भी अवसर


सोच-समझकर लें फैसला

सरकार द्वारा समयसीमा बढ़ाए जाने का फायदा यह है कि कर्मचारी अब अपनी आवश्यकताओं, भविष्य की योजनाओं और पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रखकर सोच-समझकर फैसला ले सकते हैं। NPS जहां लॉन्ग टर्म मार्केट लिंक्ड रिटर्न देता है, वहीं UPS फिक्स्ड पेंशन की सुविधा प्रदान करता है।


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