साल 2025 भारतीय राजनीति के लिए कई मायनों में निर्णायक रहा. जहां कांग्रेस के लिए यह साल निराशाजनक साबित हुआ, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले एनडीए (NDA) गठबंधन की सत्ता का दायरा और मजबूत हुआ. इस साल दिल्ली और बिहार में हुए विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट संदेश दिया. दिल्ली में बीजेपी लंबे इंतजार के बाद सत्ता में लौटी, तो बिहार में एनडीए अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही. इन चुनावों के साथ-साथ, कई राज्यों की 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों ने भी परिणाम के लिहाज से चौंकाया.
दिल्ली विधानसभा: AAP की सबसे बड़ी, BJP की सबसे छोटी जीत
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव (2025) के परिणाम सबसे दिलचस्प रहे, जिसमें सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत का अंतर साफ देखने को मिला:
| श्रेणी |
सीट |
विजेता प्रत्याशी |
पार्टी |
जीत का अंतर (वोट) |
| सबसे बड़ी जीत |
मटिया महल |
आले मोहम्मद इकबाल |
AAP |
42,724 वोट (50.7%) |
| दूसरी सबसे बड़ी जीत |
सीलमपुर |
चौधरी जुबेर अहमद |
AAP |
42,477 वोट |
| सबसे छोटी जीत |
संगम विहार |
चंदन कुमार चौधरी |
BJP |
344 वोट |
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मटिया महल सीट पर AAP के आले मोहम्मद इकबाल ने कुल पड़े वोटों का 68.8% हिस्सा हासिल किया और बीजेपी की दीप्ति अरोड़ा को 42,724 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया.
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वहीं, दिल्ली की सबसे मुश्किल भरी जीत बीजेपी के खाते में आई, जहां संगम विहार में पार्टी के प्रत्याशी चंदन कुमार चौधरी को महज 344 मतों के अंतर से जीत मिली.
बिहार विधानसभा: रिकॉर्डतोड़ जीत और 27 वोटों की ऐतिहासिक हार
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम काफी चौंकाने वाले रहे. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की अगुवाई वाले महागठबंधन को करारी शिकस्त मिली, जबकि एनडीए गठबंधन ने सत्ता बरकरार रखी.
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सबसे बड़ी जीत (बिहार): यह रिकॉर्ड जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल के नाम दर्ज हुआ. उन्होंने पूर्णिया जिले की रुपौली सीट से अपनी दावेदारी पेश की. कलाधर प्रसाद मंडल ने बिहार की कद्दावर महिला नेता और मंत्री रहीं बीमा भारती को 73,572 मतों (33.6%) के रिकॉर्डतोड़ अंतर से हराया. कलाधर प्रसाद को 124,826 वोट (55.5%) हासिल हुए.
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दूसरी सबसे बड़ी जीत: पटना जिले की दीघा विधानसभा सीट से बीजेपी के संजीव चौरसिया ने 59,079 मतों (30.6%) के अंतर से जीत दर्ज कराई.
साल की सबसे छोटी हार: 27 वोटों का दर्द
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे कड़ा मुकाबला भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा सीट पर हुआ, जहां दीपू सिंह यादव (RJD) और राधा चरण सिंह (JDU) आमने-सामने थे.
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नतीजा: राधा चरण सिंह को 80,598 वोट मिले, जबकि दीपू सिंह यादव के खाते में 80,571 वोट आए.
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अंतर: दीपू सिंह यादव को महज 27 वोटों के अंतर से हार मिली, जो विधानसभा चुनाव के लिहाज से साल की सबसे छोटी हार दर्ज हुई.
उपचुनावों में बड़ी जीत
हालांकि रुपौली की जीत विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत थी, लेकिन इस साल की सबसे बड़ी जीत उपचुनावों के खाते में गई.
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ओडिशा (नुआपाड़ा): बीजू जनता दल के विधायक के निधन के कारण हुए इस उपचुनाव में, बीजेपी के जय ढोलकिया ने कांग्रेस के प्रत्याशी को 83,748 वोटों के बड़े अंतर से हराया.
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उत्तर प्रदेश (मिल्कीपुर): बीजेपी के चंद्रभानु पासवान ने 61,710 वोट के अंतर से जीत हासिल की, जो साल की तीसरी सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज हुई.