बनारस न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज से दो संस्कृतियों का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। नमो घाट पर शुरू हुए काशी-तमिल संगमम में तमिलनाडु से आए डेलीगेट्स का पहले ग्रुप मंगलवार सुबह वाराणसी पहुंचा, जहां बनारस स्टेशन पर उनका पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और फूलों के साथ भव्य स्वागत किया गया। स्टूडेंट्स से भरे इस पहले ग्रुप ने काशी की संस्कृति और अध्यात्म का अनुभव किया और काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन और पूजन भी किए।
डेलीगेट्स ने वाराणसी में क्रूज के माध्यम से घाटों का दीदार किया और विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती का आनंद लिया। घाटों के ऐतिहासिक महत्व से भी उन्हें परिचित कराया गया। इस दौरान वाराणसी के कमिश्नर एस. राजलिंगम ने बताया कि नमो घाट पर काशी-तमिल संगमम 4.0 का औपचारिक उद्घाटन भी हुआ, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल होंगे।
नमो घाट पर दोनों राज्यों की सांस्कृतिक परंपराओं का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। कला से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी आयोजित की गई है और कुल 1,400 डेलीगेट्स काशी आएंगे। उन्हें काशी में स्थित मिनी तमिलनाडु, अयोध्या और प्रयागराज का भ्रमण भी कराया जाएगा, जिससे वे उत्तर भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का अनुभव कर सकें।
काशी विश्वनाथ मंदिर में तमिलनाडु से आए मेहमानों का विशेष स्वागत किया गया। गेट नंबर 4 पर उनके आगमन के साथ ही डमरू की आवाज गूंजने लगी और “हर-हर महादेव” के जयघोष पूरे मंदिर परिसर में फैल गए। मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि काशी-तमिल संगमम के सभी मेहमानों के लिए धाम में विशेष दर्शन, पूजन और स्वागत की विशेष व्यवस्था की गई है।